भूगोल (Geography)

Published on
3 min read

भूगोल ज्ञान की वह शाखा है जिसमें भूतल पर तथ्यों के स्थानिक वितरण, पारस्परिक संबंधों तथा उनके साथ मानवीय अंतर्क्रियाओं का क्रमबद्ध अध्ययन किया जाता है। यह मूलतः तथ्यों के क्षेत्रीय वितरण तथा स्थानिक भिन्नताओं के अध्ययन से संबंधित विज्ञान है।

तथ्यों की प्रकृति के अनुसार को दो प्रधान शाखाओं में विभक्त किया जाता है- भौतिक भूगोल (Physical geography), और मानव भूगोल (HUMAN GEOGRAPHY) । भौतिक भूगोल में प्राकृतिक तथ्यों जैसे शैल, भूकंप, ज्वालामुखी, उच्चावच, संरचना, जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति एवं जीव-जंतु, वायुमंडलीय तथा सागरीय दशाओं आदि का अध्ययन किया जाता है। अध्ययन क्षेत्र के आधार पर भौतिक भूगोल की चार प्रमुख शाखाएं हैं- भू-आकृति विज्ञान (स्थलमंडल), जलवायु विज्ञान (वायुमंडल), समुद्र विज्ञान (जलमंडल), और जीव भूगोल (जीव मंडल) ।

मानव भूगोल में मानवीय तथ्यों जैसे मानव प्रजाति, जनसंख्या, मानव व्यवसाय, अधिवास, अंतर्राष्ट्रीय संबंध आदि का अध्ययन सम्मिलित होता है।

भूगोल (Geography) प्राकृतिक विज्ञानों के निष्कर्षों के बीच कार्य-कारण संबंध स्थापित करते हुए पृथ्वीतल की विभिन्नताओं का मानवीय दृष्टिकोण से अध्ययन ही भूगोल का सार तत्व है। पृथ्वी की सतह पर जो स्थान विशेष हैं उनकी समताओं तथा विषमताओं का कारण और उनका स्पष्टीकरण भूगोल का निजी क्षेत्र है।

भूगोल एक ओर अन्य श्रृंखलाबद्ध विज्ञानों से प्राप्त ज्ञान का उपयोग उस सीमा तक करता है जहाँ तक वह घटनाओं और विश्लेषणों की समीक्षा तथा उनके संबंधों के यथासंभव समुचित समन्वय करने में सहायक होता है। दूसरी ओर अन्य विज्ञानों से प्राप्त जिस ज्ञान का उपयोग भूगोल करता है, उसमें अनेक व्युत्पत्तिक धारणाएँ एवं निर्धारित वर्गीकरण होते हैं। यदि ये धारणाएँ और वर्गीकरण भौगोलिक उद्देश्यों के लिये उपयोगी न हों, तो भूगोल को निजी व्युत्पत्तिक धारणाएँ तथा वर्गीकरण की प्रणाली विकसित करनी होती है।

अत: भूगोल मानवीय ज्ञान की वृद्धि में तीन प्रकार से सहायक होता है:

(क) विज्ञानों से प्राप्त तथ्यों का विवेचन करके मानवीय वासस्थान के रूप में पृथ्वी का अध्ययन करता है।

(ख) अन्य विज्ञानों के द्वारा विकसित धारणाओं में अंतर्निहित तथ्य की परीक्षा का अवसर देता है, क्योंकि भूगोल उन धारणाओं का स्थान विशेष पर प्रयोग कर सकता है।

(ग) यह सार्वजनिक अथवा निजी नीतियों के निर्धारण में अपनी विशिष्ट पृष्टभूमि प्रदान करता है, जिसके आधार पर समस्याओं का सप्ष्टीकरण सुविधाजनक हो जाता है।

भूगोल के दो प्रधान अंग है : श्रृंखलाबद्ध भूगोल तथा प्रादेशिक भूगोल। पृथ्वी के किसी स्थानविशेष पर श्रृंखलाबद्ध भूगोल की शाखाओं के समन्वय को केंद्रित करने का प्रतिफल प्रादेशिक भूगोल है।

 

भूगोल

 

श्रृंखलाबद्ध भूगोल

प्रादेशिक भूगोल

 

समाज शास्त्र

राजनीति शास्त्र

अर्थशास्त्र

जनशास्त्र

सामाजिक भूगोल

राजनैतिक भूगोल

आर्थिक भूगोल

जनशास्त्रीय भूगोल

सामाजिक विज्ञान

मानवशरीर शास्त्र

जंतु शास्त्र

वनस्पति शास्त्र

जनजाति भूगोल

जंतु भूगोल

वनस्पति भूगोल

प्राणि विज्ञान

भूगर्भ शास्त्र

मृत्तिका शास्त्र

अंतरिक्ष शास्त्र

स्थलाकृति

मिट्टी शास्त्र

जलवायु

भौतिक विज्ञान

 

श्रृंखलाबद्ध विज्ञान

 

अ. भौतिक भूगोल -
ब. आर्थिक भूगोल--
स. मानव भूगोल --
द. प्रादेशिक भूगोल --
य. राजनीतिक भूगोल --
र. ऐतिहासिक भूगोल --
ल. रचनात्मक भूगोल--
प्राचीन धारणाएँ
मध्यकालीन धारणाएँ -
आधुनिक धारणाएँ -
रामप्रवेश सिंह

अन्य स्रोतों से

Geography in Hindi (भूगोल)


वह विज्ञान अथवा शास्त्र, जो भूपृष्ठ का अध्ययन उसके क्षेत्रीय विभेदन (areal differentiation) सहित, मनुष्य के निवास-स्थल के रूप में करता है। इसके अंतर्गत भूआकृतियों, जलवायु, मिट्टियों, वनस्पतियों एवं प्राणियों, उत्पादों तथा मनुष्यों के वितरण एवं परस्पर संबंधों का भी अध्ययन किया जाता है। भौगोलिक विचारधारा तथा क्षेत्र में यथेष्ट परिवर्तन हो चुके हैं, इसलिए इस विषय की कोई एक परिभाषा सबको संतुष्ट नहीं कर सकती।

बाहरी कड़ियाँ:

विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia):

शब्द रोमन में:

संदर्भ:

संबंधित कहानियां

No stories found.
India Water Portal - Hindi
hindi.indiawaterportal.org