लिपोपो नदी (Limpopo River)

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लिपोपो नदी (Limpopo River) अफ्रीका के दक्षिणी-पूर्वी भाग में ट्रैसवाल की उत्तर-पश्चिमी तथा उत्तरी सीमा बनाती हुई बहती है। यह दक्षिणी ट्रैसवाल के पठार के उस भाग से निकलती है, जहाँ सोने की खानें पाई जाती हैं। यह जोहैनिसवर्ग के ठीक उत्तर-पश्चिम में स्थित है। यहाँ इसको क्रोकोडाइल कहते हैं, क्योंकि इसमें क्रोकोडाइल बहुत रहते हैं। उत्तर-पश्चिम में यह लिंपोपा नाम से प्रसिद्ध है। इसके तट पर ताँबे के बड़े बड़े निक्षेप स्थित है। इसके बाद यह नदी दक्षिणी रोडिज़िया के उत्तर पूर्व और ट्रैसवाल एवं दक्षिणी रोडिज़िया के साथ पूर्व की तरफ प्रवाहित होती हुई, मोजैबीक प्रांत में प्रवेश करने के लिए एक चौड़ा अर्धचंद्राकार मोड़ बनाती है। यहाँ पर यह पफुरी के पास दक्षिण-पूर्व की तरफ मुड़ जाती है और लारेंके मारक्वीस के 80 मील उत्तर-पूर्व में हिंद महासागर में गिरती है। वर्षा ऋतु को छोड़कर अन्य ऋतुओं में यह नदी छिछली रहती है और वीला-डी-जाओ-वेला के काफी ऊपर तक नव चालन के योग्य नहीं रहती है। इसकी प्रधान सहायक नदियों में पश्चिम से पूर्व की तरफ मगाल क्वीन, सांसी उम्जीगवांने, बूवी, नुवनेट्सी, ओलीफेंट तथा चंगाने हैं। लिंपोपो तथा सहायक नदियों का जल कुछ हद तक सिंचाई कार्यों में प्रयुक्त होता है। पुर्तगाल की सरकार ने कानीकोडा नामक स्थान पर एक बाँध बनवाया है। यह बाँध वीला-डी-जाओ-वेला से 50 मील ऊपर है। 1497 ई. में पुर्तगाल के प्रसिद्ध नाविक वास्को डि गामा ने इस नदी का नाम रियो-डू स्पीरीट-साटों रखा था। (बसंत सिंह)

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