कहने को तीन नहरें पर तीनों सूखी


उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर जिले में जहां किसान बेहद परेशान हैं। कहने को तो इलाके में तीन नहरें हैं, लेकिन फसलों को पानी नसीब नहीं होता। गाज़ीपुर की तीनों नहरें सूखी पड़ी है और प्रशासन किसानों की परेशानी जानते हुए भी कोई कदम नहीं उठा रहा है। लेकिन यहां किसानों के लिए सिटीजन जर्नलिस्ट जगदीश सिंह वरदान साबित हुए। दरअसल शारदा नदी से गाजीपुर जिले के सैदपुर, जखनिया और सदात ब्लॉक में नहरों के माध्यम से सिंचाई की व्यवस्था है। लेकिन ये व्यवस्था सिर्फ नाम की है क्योंकि साल के 3 महीनों को छोड़ बाकी समय ये नहर सूखी रहती हैं और इससे प्रभावित होती हैं करीब तीन सौ ग्राम सभाएं। पानी के लिये किसान मजबूर होते हैं पंप सेटों के इस्तेमाल के लिये।

यहां के हजारों बीघा फसलों की सिंचाई अब पंपों से ही हो रही हैं इसलिये कुछ साल पहले तक जहां 20 फीट की गहराई में भी पानी मिल जाता था। वहीं अब 60 फीट की गहराई में भी पानी मुश्किल से मिल रहा है। गिरते जल स्तर का असर फसलों पर भी पड़ रहा है। जलस्तर के नीचे गिरने से सिंचाई का काम तो प्रभावित हुआ ही, इलाके के कुएं सूख गए ऐसे में पीने के पानी की समस्या दिनों दिन बढ़ते जा रही है। सीजे जगदीश ने किसानों की हक को लेकर कई आंदोलन किए। अफसरों से मुलाकातें की। लेकिन बात आश्वासन से आगे कभी नहीं बढ़ी। सिंचाई विभाग का कहना है कि पानी मुहैया कराने की सारी जिम्मेदारी सिर्फ सिंचाई विभाग की नहीं है इस मामले में जिला प्रशासन भी बराबर का जिम्मेदार है। जिसके बाद जिला प्रशासन से मुलाकात की गई। साथ ही सांसद राधे मोहन सिंह के सामने भी इस बात को रखी गई।

सांसद के इस आश्वासन से थोड़ी उम्मीद बंधी है कि मामला संसद में उठेगा तो जरूर कुछ होगा। जब तक समस्या का हल नहीं हो जाता, ये अपनी मुहिम जारी रखेंगे।

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