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ग्रामीण महिलाओं के लिये तरक्की के रास्ते खोल रहा मधुमक्खी पालन

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झज्जर (हरियाणा) की उन्नत किसान मुकेश देवी की पहल महिला किसानों-उद्यमियों के लिये एक मिसाल है। मलिकपुर गाँव की मुकेश देवी ने मधुमक्खी पालन कर जहाँ अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है, वहीं 30 व्यक्तियों को रोजगार भी मुहैया करा रही हैं। उन्होंने साबित कर दिखाया है कि परम्परागत खेती के साथ-साथ यदि अन्य विकल्पों का भी समुचित दोहन किया जाए तो उन्नति के नए आयाम गढ़े जा सकते हैं। मुकेश देवी आज एक सफल किसान और व्यवसायी हैं। मधुमक्खी पालन को उन्होंने मुनाफे का सौदा साबित कर दिखाया है। वह शहद से निर्मित अनेक उत्पाद बाजार में उतार चुकी हैं। इससे उनकी सालाना आमद 70 लाख रुपये तक पहुँच गई है।

पर्यावरण का संकेतक मधुमक्खी

पाँच राज्यों से एकत्रित की जाती है शहद

मुकेश देवी समय और मौसम के हिसाब से विभिन्न राज्यों में मधुमक्खियों के बॉक्स भेजकर हर साल 600 से 700 क्विंटल शहद एकत्रित करती हैं। जैविक शहद के लिये वन क्षेत्र में बॉक्स भेजे जाते हैं। तुलसी हनी के लिये अक्टूबर व नवम्बर में मध्य प्रदेश के जंगलों में, अजवाइन हनी के लिये दिसम्बर से जनवरी तक राजस्थान के जंगलों में, मई से जुलाई तक जम्मू कश्मीर व पंजाब और फरवरी से अप्रैल तक हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों में मधुमक्खियों के बॉक्स ले जाकर उन्हें विभिन्न स्थानों पर रखते हैं। मधुमक्खियों द्वारा इनमें शहद जुटाया जाता है। पर्याप्त शहद जमा हो जाने पर इन बॉक्सों को एकत्रित कर वापस झज्जर लाया जाता है। यहाँ शहद को बोतल व डिब्बों में भरा जाता है। जिसके बाद इसे बाजारों के लिये रवाना कर दिया जाता है।

ये उत्पाद होते हैं तैयार :

तुलसी हनी, अजवाइन हनी, धनिया हनी, शीशम, सफेदा, जांटी, लिच्ची व बरसीम हनी तैयार करते हैं। इनके अलावा कॉम्ब हनी, हनी आँवला मुरब्बा, गाजर मुरब्बा सूर्य की रोशनी से तैयार किया जाता है। बी-पोलेन (पराग) के अलावा वैक्स भी तैयार किया जाता है। जिनकी बाजार में काफी माँग है। मुकेश देवी ने झज्जर के दिल्ली गेट में एक छोटा सा प्लांट लगाया है। बाजार की माँग के अनुसार यहाँ सभी उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं।

नवाजी गईं राष्ट्रीय पुरस्कार से

मुकेश देवी को प्रदेश में पहली बार कॉम्ब हनी (प्राकृतिक मधुकोष में संचित शहद) उत्पाद तैयार करने के लिये पूसा कृषि अनुसन्धान केन्द्र द्वारा वर्ष 2016 में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पति जगपाल सिंह फोगाट भी अब उनका हाथ बँटाते हैं। इनके शहद उत्पाद दिल्ली, हरियाणा, गुजरात सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों में फ्रेश हनी ब्रांड के नाम से बेचे जा रहे हैं। मुकेश देवी का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2001 में तीस बॉक्स से मधुमक्खी पालन शुरू किया था और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब वे 2000 बॉक्स में मधुमक्खी पालन कर रही हैं।

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