वर्कशॉप का आयोजन, फोटो साभार -dev
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जल संरक्षण को लेकर वर्कशॉप का आयोजन

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राजधानी देहरादून के हरिद्वार बायपास स्थित होटल सरोवर प्रीमियर में जल संरक्षण व खाद्य सुरक्षा को लेकर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया जिसमें बताया गया की उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों के किसानों की आय बढ़ाने में मदद करने के बाद हेल्वेटास, स्विस डेवलपमेंट एंड कोऑपरेशन, सीओओपी और अन्य पार्टनर्स अब वाप्रो प्रोजेक्ट को देश के दूसरे राज्यों में ले जाने को तैयार हैं। इस प्रोजेक्ट की मदद से  20,000 से अधिक किसानों की आय में 30 प्रतिशत की बढ़त हुई है, रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम हुई है, और फसलों को दिए जाने वाले पानी की मात्रा में काफी बचत हुई है। ये पांच साल लम्बा प्रोजेक्ट 2018 में शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य फसल उत्पादकता में बढ़त, पशुओं के उत्पादन में सुधार, लागत में कमी लाना और किसानों की आय बढ़ाना था।

यह प्रोजेक्ट, एलटी फूड्स, जैन इरिगेशन, बायोर और कोस्टल सेलिनिटी प्रिवेंशन सेल ने मिलकर शुरू किया था और आज परिणाम सबके सामने हैं। इस प्रोजेक्ट की बदौलत किसानों ने 30 प्रतिशत कम पानी की खपत और जैविक खेती पद्धतियों का पालन करके बेहतर उपज हासिल की है,

इस वर्कशॉप में उत्तराखण्ड सरकार के कृषि व उद्यान विभाग के मंत्री गणेश जोशी ने प्रतिभाग किया और जल संरक्षण के लिए सरकार की प्राथमिकताओं को गिनाया साथ ही कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने जमीनी जरूरतों के लिए काम करने और पानी से संबंधित महत्वपूर्ण चुनौतियों के लिए व्यावहारिक समाधान खोजने के लिए पार्टनर्स इन प्रॉस्पेरिटी को बधाई दी साथ ही उनके द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्य को जारी रखने और इसे बड़े स्तर पर बढ़ाने के लिए पूरा समर्थन देने  का भरोसा भी दिलाया

वहीं नरेश चौधरी सीईओ पार्टनर्स इन प्रॉस्पेरिटी (पीएनपी) ने बताया कि यह प्रोजेक्ट हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और गुजरात में शुरू किया गया था और सभी राज्यों में इससे किसानों को काफी लाभ हुआ है। चावल की खेती कर रहे किसानों ने काफी कम पानी के इस्तेमाल से फसल उत्पादकता में बढ़त हासिल की। इसके अलावा प्राकृतिक उर्वरकों का उपयोग कर मिट्टी की उर्वरता को भी बेहतर किया। "इस प्रोजेक्ट की सफलता को अब देश के दूसरे राज्यों में ले जाया जाएगा जिससे देश से किसानों को इन तकनीकों का लाभ मिल सके।

साथ ही बताया की हम सभी इस बात से बेहद संतुष्ट हैं कि स्विस एजेंसी फॉर डेवलपमेंट एंड कोऑपरेशन (एसडीसी) द्वारा वित्तपोषित जल उत्पादकता परियोजना (डब्ल्यूएपीआरओ) और हेल्वेटस स्विस इंटरकोऑपरेशन की अगुवाई में इस प्रोजेक्ट ने अपना लक्ष्य हासिल किया है।

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