जल संरक्षण

तस्वीर में मौजूद टैंक में बारिश का पानी भरा हुआ है। मंदसौर ज़िले में गुरडिया प्रताप गांव के कालूराम पाटीदार के बेटे अर्जुन पाटीदार इस पानी की मदद से वर्मी कंपोस्ट बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
यमुना में जल प्रदूषण और  भूजल स्रोतों के सूखने के कारण दिल्‍ली में जल संकट साल दर साल गहराता जा रहा है।
विशेष प्रकार की सूक्ष्‍म छिद्र युक्‍त सामग्री से निर्मित सड़कें बड़ी आसानी से पानी को सोख लती है, जिससे जलभराव नहीं होता और सड़क को पानी से नुकसान भी नहीं होता।
महाराष्ट्र के रायगढ़ ज़िले के अलीबाग कस्बे में एक स्टेपवेल (बाबड़ी)
उत्तराखंड के कुमाऊं पहाड़ों में स्थित तुला कोटे गांव में एक महिला एक चश्मे से पानी भरती हुई।
सांभर झील के आसपास जीवन: जल संरक्षण के सामुदायिक प्रयासों से हल हो रहा है जल संकट
गांव मलकपुरा, ज़िला जालौन की नालियों में बहता आपूर्ति का साफ़ पानी।
घरों में पानी के इस्‍तेमाल में किफ़ायत बरत कर पानी की अच्‍छी खासी बचत हम सब कर सकते हैं।
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