(1) गंगा अथवा ऐसी किसी भी नदी के प्रदूषण के स्रोतों को दो प्रकार की श्रेणियों में बांटा जा सकता है :
( (अ) पाइंट स्रोत -
ये प्रदूषण के ऐसे संगठित स्रोत हैं जहां प्रदूषण के भार को मापा जा सकता है जैसे - औद्योगिक कचरा और म्यूनिसिपल सीवेज बहाकर लाने वाले नाले, सीवेज पम्पिंग स्टेशन और सीवेज सिस्टमस्, उद्योगों से व्यापारिक कचरा आदि।
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.( (ब) नॉन पाइंट स्रोत -
ये प्रदूषण के ऐसे स्रोत हैं जिन्हे मापा नहीं जा सकता जैसे- खेतों से बहकर आने वाले रसायन और फर्टीलाइजर, कचरा डालने के लिए इस्तेमाल होने वाले क्षेत्रों से बहकर आने वाली गंदगी, खुले में शौच और अधजली या अनजली लाशें और जानवरों के कंकाल, धोबी घाट, मवेशियों आदि द्वारा।
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http://envfor.nic.in/nrcd/source.html
( (अ) पाइंट स्रोत -
ये प्रदूषण के ऐसे संगठित स्रोत हैं जहां प्रदूषण के भार को मापा जा सकता है जैसे - औद्योगिक कचरा और म्यूनिसिपल सीवेज बहाकर लाने वाले नाले, सीवेज पम्पिंग स्टेशन और सीवेज सिस्टमस्, उद्योगों से व्यापारिक कचरा आदि।


ये प्रदूषण के ऐसे स्रोत हैं जिन्हे मापा नहीं जा सकता जैसे- खेतों से बहकर आने वाले रसायन और फर्टीलाइजर, कचरा डालने के लिए इस्तेमाल होने वाले क्षेत्रों से बहकर आने वाली गंदगी, खुले में शौच और अधजली या अनजली लाशें और जानवरों के कंकाल, धोबी घाट, मवेशियों आदि द्वारा।


http://envfor.nic.in/nrcd/source.html
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