नदी और तालाब

रंग-बिरंगी भित्तिचित्रों से सजा मयूर विहार फ़्लाइओवर यमुना खादर के बाढ़-पीड़ितों के लिए सिर छुपाने की जगह बन गया है।
कंक्रीटीकरण के कारण नदी के पानी का स्रोत प्रभावित होता है।
श्रीनगर के लासजान में, झेलम नदी के तट पर नावों से ट्रैक्टरों तक रेत ले जाते मज़दूर।
छत्‍तीसगढ़ में महानदी पर बैराज, एनीकट और डायवर्जन बनाए जाने को लेकर ओडिशा ने कई बार आपत्ति जताई है। इसी को लेकर दोनों राज्‍यों के बीच कई दशकों से जल विवाद चल रहा है।
झील के बचे हुए पानी में पर्यटकों को घुमाते कबरताल के मछुआरे।
नदियों का प्रवाह बदलने से नदी के पानी पर निर्भर लोगों की ज़िन्दगी में कई तरह की परेशानियां आती हैं। कई बार रोज़ी-रोटी के संकट के चलते लोगों को पलायन भी करना पड़ता है।
लखीमपुर खीरी और सीतापुर जिलों में नाले में तब्‍दील हो चुकी सरायन नदी को पुनर्जीवित करने के लिए नदी की सफाई और अतिक्रमण हटाने का काम तेज़ी से चल रहा है।
दशकों पहले 'बायलॉजिकली डेड' घोषित की जा चुकी फ्रांस की राजधानी पेरिस में बहने वाली सीन नदी को करीब सौ साल बाद लोगों केा तैरने व नहाने के लिए एक बार फिर से खोल दिया गया है।
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