पहली बारिश में ही सहम गई उत्तरकाशी

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मानसून ने अभी दस्तक ही दी है की उत्तरकाशी जनपद में जीवन एक बार फिर अस्त-व्यस्त हो गया है। पिछले वर्ष की विभीषिका को लोग अभी भूले भी नहीं हैं कि बरसात ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। हालात कुछ यों हैं-

तिलोथ में चार (4) मकान बह गए हैं, कुछ अभी और खतरे की जद में हैं।
उत्तरकाशी को तिलोथ से जोड़ने वाला पुल पिछले वर्ष की भांति एक बार फिर एक ओर से छतिग्रस्त हो गया है जिस पर आवाजाही रोक दी गई है।
नदी के किनारे बसी बस्तियों से लोग अपने रिश्तेदारों या स्कूलों में शरण ले रहे हैं।
गंगोरी में अस्सी गंगा एक बार फिर उफान पर है जिसमें सुरक्षा दीवार के कार्य पर लगे कई वाहन और मशीने बह गईं।
डुंडा ब्लाक के सिरी गाँव वालों के 4 पशु बह गए।
गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह बंद है ये 2 दिन में कल केवल 40 मिनट के लिए ही खुल पाया था।
उत्तरकाशी को बाहरी दुनिया से जोड़ने वाला दूसरा मार्ग (पीपल डाली मार्ग) भी डुंडा ब्लाक के मट्टी नमक स्थान पर भूस्खलन के करण बंद है जिसके कारण लगभग 200 वाहन फंसे पड़े हैं।
बारकोट से आगे यमुनोत्री मार्ग भी बंद है। इसी ब्लाक के खरादी में एक पटवारी चौकी और शैलेन्द्र सिंह का मकान बह गया है जबकी मनमोहन सिंह चौहान का मकान इसी कगार पर है।

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