जलवायु परिवर्तन
दीवाली की मूल भावना को भी समझो
दीपावली विशेष
हम साल में एक दिन बिजली बन्द कर ‘पृथ्वी दिवस’ मानते हैं व उस दौरान धरती में घुलने से बचाए गए कार्बन की मात्रा का कई सौ गुणा महज दीपावली के चन्द घंटों में प्रकृति में जोड़ देते हैं। हम जितनी बिजली बेवजह फूँकते हैं, उसके उत्पादन में प्राकृतिक ईंधन तथा उसके इस्तेमाल से निकली ऊर्जा उतना ही कार्बन प्रकृति में उड़ेल देता है। कार्बन की बढ़ती मात्रा के कारण जलवायु चक्र परिवर्तन, धरती का तापमान बढ़ना जैसी कई बड़ी दिक्कतें समाने आ रही हैं। काश हम दीपावली पर बिजली के बनिस्पत दीयों को ही प्राथमिकता दें। इससे कई लोगों को रोज़गार मिलता है, प्रदूषण कम होता है और पर्व की मूल भावना जीवन्त रहती है।