जलवायु परिवर्तन और कृषि

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जलवायु सम्बन्धी अधिकांश सिद्धान्तों में यह इंगित किया गया था कि वाष्पन-वाष्पोत्सर्जन वैश्विक तापन के साथ बढ़ेगा क्योंकि इससे समुद्रों से वाष्पीकरण बढ़ जाएगा और कुल मिलाकर अधिक वर्षा होगी। आँकड़े वास्तव में यह दर्शाते भी हैं कि कुछ क्षेत्रों में नमी उससे अधिक हो गई, जितनी वहाँ प्रायः हुआ करती थी। परन्तु, हाल के अध्ययनों ने यह संकेत दिये हैं कि पिछले दशक में ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका एवं दक्षिणी अमेरिका सहित दक्षिणी गोलार्ध के विशाल क्षेत्रों में मृदा सूखती रही है जिसके कारण वाष्पन-वाष्पोत्सर्जन की दर में काफी कमी हो रही है।

जलवायु परिवर्तन का मृदा पर प्रभाव

मृदा उर्वरता एवं उत्पादकता पर प्रभाव

पौधों पर भौतिक प्रभाव

आनुवांशिकी पर प्रभाव

फसल-क्रम में परिवर्तन

खरपतवारों की समस्या

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फसलों की पैदावार पर प्रभाव

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फसलों के रोगों व कीटों में वृद्धि

तापक्रम वृद्धि का समुद्र तल व जल की उपलब्धता पर प्रभाव

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