बारह सौ साल पुराने तालाब पर भूमाफिया का कब्जा

6 Apr 2015
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सपा सरकार में माफियाओं की चाँदी है। हाथ में सपा का झण्डा लेकर एक भूमाफिया ने बारह सौ साल पुराने तालाब पर अवैध तरीके से मकान का निर्माण करा लिया है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने तालाबों और पोखरों को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराने का आदेश जारी किया है। लेकिन राजस्व कर्मियों ने इस पुराने तालाब को लाखों रुपये में बेच दिया है। इससे खुलेआम तालाब के अन्दर बिम पर मकान का निर्माण किया जा रहा है।

ग्राम पंचायत की सरकारी जमीन से अवैध निर्माण को रोकवाने के लिये ग्राम प्रधान के जूते घिस चुके हैं। मगर निर्माण कार्य जारी है। इस पर फैजाबाद मण्डल के आयुक्त विशाल चौहान ने ग्राम प्रधान की शिकायत पर निर्माण कार्य बन्द करवाने का निर्देश दे चुके हैं। लेकिन उनके आदेश के बावजूद भी धड़ाधड़ तालाब में मकान का निर्माण कराया जा रहा है। बारह सौ साल पुराने तालाब का मामला अमेठी और मुन्शीगन्ज थाने के बार्डर का है। इसलिए दोनों पुलिस पीछे हट गई है। छावनी के मो. असगर पुत्र फौजदार मुन्शीगन्ज थाने के अधीन है। बारह सौ साल पुराने तालाब के पानी से पशु-पक्षी आबाद रहते हैं। इसके बाद इलाके में बड़ी घटना और आगजनी होने पर इसी तालाब के पानी से फायरकर्मी आग पर काबू पाते हैं। बाकी इलाके में ऐसा कोई तालाब नहीं है। जिसमें साल भर पानी बना रहे। लेकिन इस तालाब में सूखा पड़ने के बाद भी पानी रहता है।

तालाब पर बन रहे अवैध मकान को रोकवाने के लिए ग्राम प्रधान उर्मिला पासी पिछले एक महीने से तहसील से लेकर कमिश्नरी तक चक्कर काट रही है। मगर अवैध निर्माण का काम बन्द नहीं हो पाया है। जंगल राम नगर की प्रधान ने तहसीलदार, एसडीएम, डीएम, कमिश्नर, प्रमुख सचिव राजस्व, मुख्यमन्त्री और राज्यपाल के दरबार तक फरियाद किया है। लेकिन राजस्व कर्मियों और भूमाफियाओं के आगे कमिश्नर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का आदेश बेकार है। फैजाबाद के कमिश्नर विशाल चौहान ने इस अवैध निर्माण को एक बार रोकवा दिया था। उदयराज यादव और लेखपाल ने इस तालाब की सरकारी जमीन को जंगल राम नगर ग्राम पंचायत के बजाय रामदैपुर ग्राम पंचायत की बताकर निर्माण कार्य शुरू करा दिया। जबकि जमीन ग्राम पंचायत की है। रामदैपुर हो या राम नगर की। यह उदयराज यादव वही है जो घूसखोरी के आरोप में जेल की सजा काट चुके हैं। इसके पहले उदयराज यादव ने जंगल राम नगर ग्राम पंचायत में दो सौ बाहरी लोगों को अवैध तरीके से पट्टा दिया है।

इस पट्टा धारकों में इलाहाबाद, बनारस, सुल्तानपुर और प्रतापगढ़ के लोगों को जमीन दिया है, सरकार मनरेगा का 80 फीसद बजट तालाबों की खुदाई पर खर्च करती है। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल को लेकर समस्या न खड़ी हो। लेकिन राजस्व कर्मी और भूमाफिया तालाब पर धड़ाधड़ निर्माण करा रहे हैं। छावनी का यह बारह सौ साल पुराना तालाब है। इस तालाब का निर्माण राजा सोढदेव ने 966 में कराया था। राजा के सैनिकों ने अंग्रेजों की लड़ाई में इसी तालाब को हथियार बनाया था। इसलिए गाँव का नाम छावनी पड़ा था।

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