बलवंती नदी बनी कूड़ादान

waste pollution in river
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उपेक्षा के चलते गन्दे नाले में हुई तब्दील


नदी के तट पर अतिक्रमण कर लोगों ने मकान बना लिये हैं। कुछ ने अपने मकानों की सीमाएँ बढ़ा ली हैं, तो कुछ ने नदी में पिलर खड़े कर पक्के भवन बना लिये हैं। माथुर कॉलोनी से लेकर चूलमाता तक लोगों ने नदी के दोनों ओर अतिक्रमण कर रखा है। नदी की कभी सफाई नहीं होती, न ही गहरीकरण किया जाता है। नगर में अभी तक जितनी भी परिषदें बनी, उन्होंने चुनाव के समय इसके गहरीकरण एवं सौन्दर्यीकरण के वादे तो किये, पर इन्हें मूर्तरूप नहीं दिया।

धार। धार जिले के बदनावर नगर के मध्य से होकर बहने वाली बलवंती नदी उपेक्षा के चलते गन्दे नाले में तब्दील हो गई है। नगर भर का कूड़ा-करकट इसमें डाला जाता है। किनारों पर अतिक्रमण के कारण नदी संकरी भी हो गई है। बस स्टैंड से नगर में प्रवेश करते समय यह दुर्गंध से आगंतुकों का स्वागत करती है। इससे नगर की विपरीत छवि उभरकर सामने आती है।

किसी जमाने में यह कल-कल कर बारह महीने बहा करती थी। नगर परिषद द्वारा बस स्टैंड के निकट स्थित पुल पर पटिए लगाकर इसका पानी रोका जाता था। जिससे यह गर्मियों में भी भरी रहती थी। लोग इसमें नहाते तथा कपड़े धोते थे। आने-जाने वालों को भी सुकून मिलता था।

नगर में प्रवेश करते समय एक सुन्दर नजारा देखने को मिलता था, लेकिन आज स्थिति इससे उलट है। नदी कूड़ा-करकट एवं गन्दगी से अटी पड़ी है। इसके आसपास स्थित घरों का गन्दा पानी इसमें बहकर आता है। नगर के नालों का पानी भी इसमें छोड़ा जाता है। इससे चारों ओर बदबू फैल रही है। मच्छरों की भरमार हो गई है।

ऐसे में आसपास के रहवासियों का जीना मुश्किल हो गया है। नदी के तट पर आनन्देश्वर महादेव मन्दिर स्थित है। इसकी दुर्गंध यहाँ तक भी पहुँचती है। इसके घाट भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। एक तरह से इसकी यह स्थिति लोगों के लिये अभिशाप बन गई है।

तट पर बनाए मकान


नदी के तट पर अतिक्रमण कर लोगों ने मकान बना लिये हैं। कुछ ने अपने मकानों की सीमाएँ बढ़ा ली हैं, तो कुछ ने नदी में पिलर खड़े कर पक्के भवन बना लिये हैं।

माथुर कॉलोनी से लेकर चूलमाता तक लोगों ने नदी के दोनों ओर अतिक्रमण कर रखा है। इस बारे में नगर परिषद अध्यक्ष अभिषेक मोदी को लोगों ने ज्ञापन दिया था, पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इससे नदी संकरी होकर नाले में परिवर्तित हो गई है।

वादे नहीं हुए पूरे


नदी की कभी सफाई नहीं होती, न ही गहरीकरण किया जाता है। नगर में अभी तक जितनी भी परिषदें बनी, उन्होंने चुनाव के समय इसके गहरीकरण एवं सौन्दर्यीकरण के वादे तो किये, पर इन्हें मूर्तरूप नहीं दिया।

केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में इसका निरीक्षण कर नगर परिषद को घाट के सौन्दर्यीकरण की योजना बनाकर भेजने को कहा था। नगर परिषद ने योजना बनाकर भेजी भी, पर तब तक उमा भारती मुख्यमंत्री पद से हट गईं। इसके बाद इसके बारे में कभी भी गम्भीरता से प्रयास नहीं हुए।

योजना बनाई जा रही है


नगर परिषद अध्यक्ष अभिषेक मोदी (टल्ला) ने बताया कि बलवंती नदी के दोनों ओर नगर के गन्दे पानी की निकासी के लिये पक्के नाले बनाए जाएँगे। अतिक्रमण हटाकर नदी को चौड़ा किया जाएगा।

अतिक्रमण हटाने में राजस्व विभाग का सहयोग लिया जाएगा। नदी का गहरीकरण, शुद्धिकरण एवं नाला निर्माण की योजना तैयार कर जल्द ही परिषद के समक्ष स्वीकृति के लिये रखा जाएगा।

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