प्रदूषण और जलगुणवत्ता

प्रदूषक रसायनों से नदी की सतह पर बनने वाले एरोसोल वाष्‍पीकरण के ज़रिये हवा में मिल जाते हैं। हवा से ये सांस के ज़रिए शरीर में पहुंचते हैं।
पीएफएस पानी में बहुत धीरे-धीरे टूटते हैं, जिससे ये भूजल और सतही पानी में सालों तक मौजूद रहते हैं। इसीलिए इन्हें “फ़ॉरेवर केमिकल” कहा जाता है।
दुनिया भर की नदियों में बढ़ रहा है एंटीबायोटिक प्रदूषण का खतरा।
विश्व हाथ स्वच्छता दिवस लोगो
पश्चिम बंगाल में फ्लोराइड और लोहे की बढ़ती समस्या
इंडोनेशिया के दक्षिण-पूर्व सुलावेसी में  निकल खदान की ओर जाने वाली सड़क। फोटो: फ्रेंको ब्रावो डेंगो
PHTHALATE प्रॉडक्ट
भोपाल गैस त्रासदी ,फोटो-flickerIndiawaterportal
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