प्रदूषण और जलगुणवत्ता

कश्मीर में पहाड़ियों के किनारे बसे छोटे-छोटे गांव पानी के लिए प्राकृतिक चश्मों पर निर्भर हैं, जिनमें से अधिकतर तेज़ी से सूख रहे हैं।
दशकों पहले 'बायलॉजिकली डेड' घोषित की जा चुकी फ्रांस की राजधानी पेरिस में बहने वाली सीन नदी को करीब सौ साल बाद लोगों केा तैरने व नहाने के लिए एक बार फिर से खोल दिया गया है।
नदियों में जमने वाली गाद उसके प्रवाह को बाधित करती है, जिससे पानी का बहाव कम होता है, प्रदूषण बढ़ता है और पारिस्थितिक तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
प्रदूषक रसायनों से नदी की सतह पर बनने वाले एरोसोल वाष्‍पीकरण के ज़रिये हवा में मिल जाते हैं। हवा से ये सांस के ज़रिए शरीर में पहुंचते हैं।
पीएफएस पानी में बहुत धीरे-धीरे टूटते हैं, जिससे ये भूजल और सतही पानी में सालों तक मौजूद रहते हैं। इसीलिए इन्हें “फ़ॉरेवर केमिकल” कहा जाता है।
दुनिया भर की नदियों में बढ़ रहा है एंटीबायोटिक प्रदूषण का खतरा।
विश्व हाथ स्वच्छता दिवस लोगो
पश्चिम बंगाल में फ्लोराइड और लोहे की बढ़ती समस्या
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