प्रदूषण और जलगुणवत्ता

आस्‍था तो आस्‍था है, पानी चाहे गंदा हो या ज़हरीला, पूजा-पाठ की परंपरा को निभाने छठ व्रतियों का मेला हर साल यमुना के घाटों पर लग ही जाता है।
भयंकर प्रदूषण के चलते नज़फगढ़ नाले में बदल चुकी है साहिबी नदी, जो कभी राजस्‍थान, हरियाणा और दिल्‍ली के एक बड़े इलाके के लिए महत्‍वपूर्ण जलस्रोत हुआ करती थी।
अचन लैंडफ़िल, जहां लगातार कचरा इकट्ठा तो हो रहा है, लेकिन इसका उपचार नहीं किया जा रहा है।
तेल टैंकर जहाज़ों से होने वाले तेल रिसाव के हादसे दुनिया भर में समुद्रों को प्रदूषित कर रहे हैं।
कश्मीर में पहाड़ियों के किनारे बसे छोटे-छोटे गांव पानी के लिए प्राकृतिक चश्मों पर निर्भर हैं, जिनमें से अधिकतर तेज़ी से सूख रहे हैं।
दशकों पहले 'बायलॉजिकली डेड' घोषित की जा चुकी फ्रांस की राजधानी पेरिस में बहने वाली सीन नदी को करीब सौ साल बाद लोगों केा तैरने व नहाने के लिए एक बार फिर से खोल दिया गया है।
नदियों में जमने वाली गाद उसके प्रवाह को बाधित करती है, जिससे पानी का बहाव कम होता है, प्रदूषण बढ़ता है और पारिस्थितिक तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
प्रदूषक रसायनों से नदी की सतह पर बनने वाले एरोसोल वाष्‍पीकरण के ज़रिये हवा में मिल जाते हैं। हवा से ये सांस के ज़रिए शरीर में पहुंचते हैं।
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