भारत को दुनिया के बराबर खड़ा करने की तैयारी में सरकार

21 Jan 2019
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कृषि
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नई दिल्ली: कृषि उत्पादन में पिछड़े भारत को दुनिया के बराबर पर खड़ा करने को केन्द्र सरकार नए कदम उठाने की तैयारी कर रही है। राज्यों के साथ मिलकर नीतिगत सुधार, आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के साथ सिंचाई और अच्छे बीज मुहैया कराएगी। सरकार ने प्रति हेक्टेयर उत्पादन को बढ़ावा देने को अन्य देशों के तौर तरीकों का अध्ययन किया। इसकी वजह प्रति हेक्टेयर उत्पादन में भारत कई देशों की तुलना में आधी पैदावार भी नहीं कर पाता है।

जर्मनी, फ्रांस, जापान और पड़ोसी देश चीन समेत कई देशों में प्रयोग की जाने वाली आधुनिक कृषि तकनीक अपनाने की पूरी तैयारी है। प्रति हेक्टेयर उत्पादन में यह देश भारत से कहीं आगे है, जबकि श्रमबल और भूमि का सर्वाधिक उपयोग देश में किया जाता है। यही नहीं, कृषि क्षेत्र भारत की 53% जनसंख्या को रोजगार देता है, लेकिन जीडीपी में इसका योगदान गिरकर 17%पहुँच गया है। जबकि आजादी के समय यह 55% था।

कृषि मंत्रालय के मुताबिक 198.4 मिलियन हेक्टेयर में रबी, खरीफ समेत अन्य फसलों का उत्पादन किया जाता है। इसके बढ़ावा देने के लिये कई कदम उठाए गए हैं। कई देशों में तकनीकों का अध्ययन किया गया है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों से इस पर चर्चा की गई है। नीतिगत सुधारों में किसानों को किराए पर उपकरण मुहैया कराने, स्वयंसेवी संघों द्वारा खेती से सही तरीकों के बारे में जागरूक करने, जैसे उर्वरक, कीटनाशक और अच्छे तथा निम्न बीजों के बारे में जानकारी देने का महत्त्वपूर्ण कदम है। केन्द्र ने सभी राज्यों में उत्पादन बढ़ाने के लिये उठाए गए कदमों पर निगाह रखने को भी कहा है।

कृषि विशेषज्ञ डॉ. देवेन्द्र शर्मा के मताबिक बिचौलियों को हटाकर किसानों से खरीद का एक तंत्र स्थापित करना चाहिए। किसानों को सही कीमत मिलेगी तो वह उत्पादन बढ़ाने को लेकर जागरूक होंगे।

अनिल कुकरेजा का कहना है, सरकार ने एमएसपी तो बढ़ा दिया लेकिन किसानों से सीधे खरीद का कोई तंत्र नहीं है। हालांकि उन्होंने माना कि प्रति हेक्टेयर उत्पादन अगर जर्मनी, फ्रांस, जैसा हो जाए तो हमारी पैदावार पूरी दुनिया के लिये पर्याप्त होगी।

 

 

 

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