दुमका: खेत प्यासे, किसान-मजदूर पलायन को मजबूर

15 May 2019
0 mins read

लोकसभा चुनाव प्रचार में नारे, दावे, वादे के बीच दुमका का दर्द भी उभर रहा है। खेत प्यासे हैं। खेतिहर मजदूरों को काम नहीं मिल रहा। ऐन चुनाव के समय मजदूर प.बंगाल जा रहे हैं। वहां गरमा धान की फसल कट रही है, इसलिए जीविका की जद्दोजहद चल रही है।

दुमका में 2.46 लाख हेक्टेयर जमीन कृषि योग्य है पर 19 प्रतिशत जमीन पर ही सिंचाई की व्यवस्था हो सकी है। खेती चौपट होने से बाहर जा रहे हैं। पलायन करने वाले हजारों मजदूरों का कोई डाटा जिला प्रशासन तैयार नहीं कराता। रोजगार की तलाश में मजदूरों का दूसरे राज्यों में पलायन कोई नई बात नहीं है। यह सिलसिला पूरे साल चलता है। चुनाव के समय भी पलायन होने से वोट प्रतिशत प्रभावित हो सकता है।

मजदूरों का पलायन राजनीतिक दलों के लिए भी एक सवाल है, जो हर खेत को पानी और हर हाथ को काम का वादा हर चुनाव में करते रहे हैं। दुमका में रोजगार के लिए कृषि पर ही निर्भरता ज्यादा है। दुमका में स्थित मसानजोर डैम के पानी से प.बंगाल के खेतों की सिंचाई होती है। दुमका के लिए मयूराक्षी बायां तटनहर, बड़ा नदी जलाशय, दिग्गलपहाड़ी जलाशय और कैराबनी जलाशय हैं। इन चारों को मिला कर मात्र 5545 हेक्टेयर खेतों में सिंचाई की सुविधा मिल पाती है। लघु सिंचाई योजनाओं और कुआं-तालाब आदि से करीब 42 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हो पाती है।

मयूराक्षी दायां तट नहर के लिए सर्वे तक नहीं हुआ 

दुमका जिले के खेतों में सिंचाई के लिए मयूराक्षी दायां तटनहर का निर्माण होना था। सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता नरेश प्रसाद ने बताया कि नूनबिल और मयूराक्षी नदी के संगम पर रानीबहाल के आसपास एक डैम बनना था, पर इसके लिए सर्वे तक नहीं हो सका है। मयूराक्षी दायां तट नहर का निर्माण हो, यह दुमका की पुरानी मांग है। चुनावों में यह मुद्दा बनते रहा है पर चुनाव बाद नेताओं को यह याद नहीं रहता। इस चुनाव में भी जब सिंचाई की कमी का मुद्दा उठ रहा है तो मयूराक्षी दायां तट नहर की भी चर्चा हो रही है।

मयूराक्षी बायां तट नहर से पर्याप्त सिंचाई नहीं 

मयूराक्षी बायां तट नहर का जीर्णोद्धार और पक्कीकरण का काम दो साल पहले हो गया मगर अभी तक इससे अपेक्षित सिंचाई सुविधा विकसित नहीं हो पा रही। सिंचाई विभाग के दुमका प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता नरेश प्रसाद भी मानते हैं कि मयूराक्षी बायां तट नहर से 8500 हेक्टेयर खेतों में खरीफ फसल के लिए सिंचाई होनी थी पर अभी 4400 हेक्टेयर में हीं सिंचाई हो रही है। फील्ड चैनल का निर्माण कार्य चल रहा है। एक-एक खेत तक फील्ड चैनल बन जाने से 8500 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी।

बस इतनी है सिंचाई सुविधा

सिंचाई परियोजना               सिंचित जमीन

मयूराक्षी बायां तट नहर          4400 हेक्टेयर
बड़ा नदी जलाशय                450 हेक्टेयर
दिग्गलपहाड़ी जलाशय          250 हेक्टयर
कैराबनी जलाशय                 445 हेक्टेयर

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading