गांवों में रोजगार का सुलभ साधन मनरेगा

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गांवों में व्याप्त मौसमी, अदृश्य, अकुशल बेरोजगारी दूर करने, गांवों से शहरों की ओर पलायन रोकने तथा स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप विकास कार्यों में रोजगार देकर ग्रामीण विकास करने की महत्वाकांक्षी, व्यापक वित्तीय योजना ‘मनरेगा’ 2 फरवरी 2006 से भारत के 200 जिलों में प्रारंभ की गई। वर्तमान में यह भारत के सभी 600 जिलों में क्रियान्वित है। यह योजना गांवों में रोजगार प्रदान कर निर्धन ग्रामीणों की आय में वृद्धि तो कर ही रही है। साथ ही, गांव में स्थाई परिसम्पत्तियों का निर्माण कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था का ढांचा मजबूत कर, भारतीय अर्थव्यवस्था के ऊर्जात्मक विकास का आधार स्तम्भ बन रही है।भुखमरी की शिकार दुनिया की कुल आबादी का 25 प्रतिशत हिस्सा भारत में है तथा 24 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे गुजारा कर रहे हैं। बेरोजगारी की स्थिति भी अत्यंत दयनीय है। 1993-94 में 2.70 करोड़ बेरोजगार थे जो 2006-07 में बढ़कर 3.67 करोड़ हो गए हैं। शहरी क्षेत्र में जहां शिक्षित तथा औद्योगिक बेरोजगारी पाई जाती है वहीं ग्रामीण क्षेत्र में मौसमी प्रछन्न तथा सामान्य स्थिति बेरोजगारी पाई जाती है। एक अनुमान के अनुसार कृषि कार्य में लगी कुल श्रम-शक्ति का लगभग 17 प्रतिशत भाग प्रछन्न बेरोजगारों का है। इसके अतिरिक्त कुल श्रम-शक्ति का 1.9 प्रतिशत भाग सामान्य स्थिति बेरोजगारी का है।

हालांकि अभी तक कई योजनाएं जैसे समन्वित ग्रामीण विकास कार्यक्रम, ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम, ग्रामीण भूमिहीन रोजगार कार्यक्रम, जवाहर रोजगार योजना, स्वर्णजयंती रोजगार योजना इत्यादि क्रियान्वित की गई। लेकिन पहली बार रोजगार गारंटी को कानूनी रूप महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में दिया गया है।

भारत एक कल्याणकारी राज्य है, जो सामान्य रूप से अपने सभी नागरिकों और विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। यही कारण है कि सरकार देश के सभी वर्गों व सभी क्षेत्रों विशेष रूप से निर्धन एवं ग्रामीण क्षेत्रों, गंदी बस्तियों एवं पिछड़े क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों के आर्थिक उत्थान के लिए योजनाओं का निर्माण कर उन्हें क्रियान्वित करती है। ‘मनरेगा’ उनमें एक बड़ी वित्तीय एवं महत्वाकांक्षी योजना है। यह अपने लक्ष्यों एवं उद्देश्यों में कितनी सफल रही है? क्या उनका अपेक्षित प्रभाव हुआ है? उनके क्रियान्वयन में क्या बाधाएं आ रही हैं? उनमें क्या सुधार किए जाने चाहिए? यह शोध का विषय है।

इस लेख में मध्य प्रदेश तथा इन्दौर जिले में मनरेगा के अंतर्गत हुई प्रगति एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति की स्थिति का अध्ययन किया गया है। अध्ययन की अवधि योजना 2006 से 2011 तक की ली गई है। आंकड़े मुख्यतः पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, जिला पंचायत, जनपद पंचायत एवं मध्य प्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण, पत्रिकाओं तथा मनरेगा की वेबसाईट द्वारा एकत्रित किए गए हैं।

मनरेगा के मुख्य बिन्दु

मनरेगा में वित्तीय प्रबंध

भारत में मनरेगा की प्रगति

तालिका-

1 : भारत में मनरेगा की प्रगति


वर्ष
जॉबकार्ड प्राप्त परिवारों की संख्या
कार्य की मांग करने वाले परिवार की संख्या
रोजगार उपलब्ध कराए गए परिवार की संख्या
कुल सृजित मानव दिवस (लाख में)
अनुसूचित जाति मानव दिवस (लाख में)
कुल में अनु. जाति का प्रतिशत
2006-07
37850390
21188894
21016099
9050.54
2295.23
25.36
2007-08
64740595
34326563
33909132
14367.95
3942.34
27.44
2008-09
100145950
45518907
45115358
21632.86
6336.18
29.29
2009-10
112548976
52920154
52585999
28359.57
8644.83
30.48
2010-11
119824438
55763244
54954225
25715.25
7875.65
30.62
2011-12
121268914
38294824
37855866
12087.19
2750.18
22.75
वर्ष
अनुसूचित जनजाति मानव दिवस (लाख में)
कुल में अनु. जनजाति का प्रतिशत
महिलाएं मानव दिवस (लाख में)
कुल में महिलाऔं का प्रतिशत
अन्य

2006-07
3298.73
36.44
3679.01
40.64
3456.59

2007-08
4205.60
29.27
6109.10
42.51
6219.98

2008-09
5501.64
25.43
10357.32
47.87
9795.06

2009-10
5874.39
20.71
13640.51
48.91
3840.34

2010-11
5361.80
20.85
12274.23
47.73
12477.81

2011-12
2068.68
17.11
5962.98
49.33
7268.36

स्रोत : www.narega.nic.in, 2 फरवरी 2012

भारत में मनरेगा में वित्तीय प्रदर्शन एवं कार्य निष्पादन स्थिति

तालिका-2

भारत में मनरे

गा

के अंतर्

त वित्तीय स्थिति का विवरण

वर्ष
उपलब्ध कुल राशि (लाख रु. में)
केन्द्र द्वारा स्वीकृत राशि (लाख रु. में)
कुल व्यय (लाख रु. में)
कुल व्यय में प्रतिशत वृद्धि
2006-07
1207362.72
418432.42
882335.55
-
2007-08
1927877.71
1229592.4
1585844.15
79.73
2008-09
3630045.57
2994544.33
2725068.7
71.84
2009-10
4568551.32
1178076.46
3790522.78
39.09
2010-11
5264889.48
1038287.82
3937727.03
3.88
2011-12*
3715426.88
790071.73
2090242.93
-46.92
स्रोत: भारत का आर्थिक सर्वेक्षण 2010-11, पृष्ठ क्र. 300, 301
www.narega.nic.in, *2 फरवरी 2012

तालिका-3

:

भारत में मनरे

गा

में कार्य निष्पादन स्थिति का विवरण

वर्ष
प्रगतिरत कार्य
पूर्ण कार्य
कुल कार्य
वृद्धि दर प्रतिशत में
2006-07
444806
396782
841588
-
2007-08
961280
820168
1781448
111.67
2008-09
1560485
1214139
2774624
55.75
2009-10
2357423
2259444
4616867
104.33
2010-11
2496763
2585824
5082587
96.56
2011-12
5668673
598794
6267467
23.31
स्रोत : www.narega.nic.in, 2 फरवरी 2012

मध्य प्रदेश में मनरेगा की प्रगति

तालिका–4

:

मध्य प्रदेश में मनरे

गा

 की प्र

ति

वर्ष
जॉबकार्ड प्राप्त संख्या (करोड़ में)
कार्य की मांग करने वाले परिवार की संख्या
रोजगार उपलब्ध कराए परिवार की संख्या
कुल सृजित मानव दिवस (लाख में)
अनुसूचित जाति मानव दिवस (लाख में)
कुल में अनुजाति का प्रतिशत
2008-09
1.12
5207862
5207665
2946.97
525.07
17.82
2009-10
1.12
4714916
4714591
2624.03
485.04
18.48
2010-11
1.13
4445781
4407643
2198.16
425.18
19.34
2011-12
1.87
2739760
2718841
892.341
183.55
20.56
वर्ष
अनुसूचित जनजाति मानव दिवस (लाख में)
कुल में अनु. जनजाति का प्रतिशत
महिलाएं मानव दिवस (लाख में)
कुल में महिलाओं का प्रतिशत
अन्य

2008-09
1379.55
46.81
1275.39
43.28
1042.35

2009-10
1189.84
45.34
1160.55
44.23
949.15

2010-11
955.02
43.44
976.02
44.40
817.96

2011-12
241.09
27.01
378.96
42.46
467.69

स्रोत : www.narega.nic.in, 16 जनवरी 2012

मध्य प्रदेश में मनरेगा में वित्तीय प्रदर्शन एवं कार्य निष्पादन स्थिति

इन्दौर जिले में मनरेगा की प्रगति

तालिका-5

:

इन्दौर जिले में मनरे

गा

में रोजगार की स्थिति

वर्ष
जॉबकार्ड प्राप्त परिवारों की संख्या
अन्य
कुल
कार्य की मांग करने वाले परिवार की संख्या
रोजगार उपलब्ध कराए गए परिवार की संख्या
अनुसूचित
प्रतिशत
अनु. जनजाति
प्रतिशत
2008-09
36417
20.60
28077
15.88
112270
176764
33978
33525
2009-10
36448
20.65
28058
15.90
111949
176455
35214
35185
2010-11
36448
20.65
28058
15.90
111949
176455
18955
18862
2011-12
36438
20.51
28141
15.84
113041
177620
22038
22018
स्रोत : मध्य प्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण 2010-11, पृष्ठ संख्या 120. www.narega.nic.in, 14 फरवरी 2012

निष्कर्ष एवं चुनौतियां

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