Global warming
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ग्लोबल वार्मिंग के साथ कड़ी ठण्ड के लिए भी तैयार रहें

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आर्कटिक समुद्र में बर्फ के पिघलने से कई देशाें में गर्मी और सर्दी के मौसम में बदलाव के संकेत

2014 में अमेरिका के कई इलाकों में भीषण ठण्ड पड़ने के बाद वैज्ञानिकों का अनुमान है कि गर्म मौसम के साथ सर्दियाँ और अधिक ठण्डी होंगी। अमेरिका के पूर्वी इलाकों का अधिकतर हिस्सा ठण्ड की चपेट में रहा। मार्च की शुरुआत में ग्रेट लेक्स का 91 प्रतिशत भाग जम गया था। पिछले 40 वर्ष में सबसे ज्यादा बर्फ इस साल पड़ी थी। पूरे अमेरिका में सर्दियों में तापमान बीसवीं सदी के औसत तापमान से एक डिग्री कम रहा। हवा के दबाव का ओमेगा ब्लॉक पैटर्न ठण्डे मौसम को एक स्थान पर केन्द्रित कर देता है।

रटगर्स यूनिवर्सिटी की क्लाइमेटोलॉजिस्ट जेनिफर फ्रांसिस आर्कटिक समुद्र में हो रहे परिवर्तन को मौसम की वर्तमान हलचल के लिए जिम्मेदार मानती हैं। आर्कटिक समुद्र की बर्फ के पिघलने से धरती का उत्तरी क्षेत्र बाकी दुनिया की तुलना में दोगुना अधिक गर्म हो रहा है। आर्कटिक पर सफेद बर्फ की परत् पहले सूर्य की किरणों को रिफ्लेक्ट कर देती थी। अब खुला समुद्र सूर्य की किरणों को जज्ब कर लेता है। इससे ठण्डी ध्रुवीय हवा दक्षिण की ओर बढ़ती है। कुछ विशेषज्ञों का मत है कि पूर्वी प्रशान्त महासागर की सतह का पानी ठण्डा होने से सर्दी अधिक पड़ने लगी है।

कई अध्ययनों का निष्कर्ष है कि अगले कुछ दशक तक अमेरिका सहित कई देशों में बर्फीली सर्दी का जोर रहेगा। फिर भी, बढ़ता तापमान सर्दी के जोर को कम करेगा। अन्त में ग्लोबल वार्मिंग से विश्व प्रभावित होगा।

अमीरात में समुद्री पानी को मीठा बनाने वाले प्लांट ने रास्ता दिखाया

धरती पर पानी जीवन की बुनियाद है। दुनिया के कई क्षेत्र पानी की कमी से जूझ रहे हैं। विश्व की लगभग एक अरब 20 करोड़ आबादी पानी के अभाव का सामना कर रही है। 2025 तक यह संख्या एक अरब 80 करोड़ हो सकती है। पिछली सदी में पानी के वर्तमान स्रोतों या भूमिगत जल को निकालने की दर जनसंख्या बढ़ने की दर से दोगुना अधिक रही है। सूखे इलाकों में रेगिस्तान बनने की प्रक्रिया तेज हो रही है।

2050 तक विश्व की आबादी 9 अरब होने का अनुमान है। इसलिए 2015 और बाद के वर्षों में जल के अभाव की चुनौती गम्भीर होगी। लेकिन, पानी की कमी से निपटने के रास्ते निकाले जा सकते हैं। अमेरिका में आबादी बढ़ी है पर पानी का उपयोग घटा है। समुद्र के खारे पानी को साफ करने की पुरानी टेक्नोलॉजी पर नए सिरे से गौर किया जा रहा है। लाखों गैलन ताजा पानी देने वाले हाई टेक प्लांट लगाए गए हैं। संयुक्त अरब अमीरात में जेबेल अली प्लांट प्रतिदिन 2.13 अरब लीटर समुद्री खारे पानी को साफ करता है। भविष्य में और बड़े पैमाने पर ऐसा करने की जरूरत पड़ेगी।
 

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