कार्ययोजना

संपूर्ण अभियान हेतु तत्कालीन कलेक्टर देवास द्वारा एक सोची समझी तथा सुदृढ़ रणनीति निर्धारित कर चरणबद्ध कार्यक्रम के माध्यम से प्रभावी क्रियान्वयन करवाया गया मुख्य रूप से इसे दो हिस्से में विभाजित किया गया।

1. कृषकों को प्रेरणा :


अभियान में रेवासागर निर्माण हेतु प्रेरणा देने का मुख्य कार्य रोल मॉडल कृषकों “भागीरथ मास्टर ट्रेनर्स” के माध्यम से ही करवाया गया जो कि, प्रभावी एवं कारगर होने के साथ ही परिणाम मूलक भी हुआ।

2. प्रेरित किसानों को आवश्यक सहयोग एवं मार्गदर्शन


एक ओर प्रेरणा का कार्य रोल मॉडल कृषकों के माध्यम करवाया वहीं प्रेरित किसानों को तकनीकी ज्ञान /कौशल तथा भौतिक संसाधन जैसे मशीन एवं ऋण (आवश्यकतानुसार) उपलब्धता सुचारू रूप से प्राप्त हो सके इसमें जिला प्रशासन की भूमिका महत्वपूर्ण रही।

उपरोक्त गतिविधि को निम्नानुसार विभाजन अनुसार क्रियान्वयन संभव हो सका।

अ. स्थल चयन


रेवासागर निर्माण हेतु प्रेरित / संकल्पित कृषकों को संरचना निर्माण के लिए स्थल चयन आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन स्थल पर ही प्रदान करने की व्यवस्था की गई। संरचना निर्माण स्थल उपयुक्त हो एवं निर्माण उपरांत उसकी उपयोगिता/सुरक्षा संबंधी सभी पहलुओं पर विचार कर कृषकों को स्थल चयन संबंधी मार्गदर्शन प्रदान किया गया।

ब. रेवासागर तकनीकी पहलू


स्थल चयन के साथ ही निर्माण स्थल पर कृषकों से उपलब्ध भूमि, ली जाने वाली फसल, उपलब्ध संसाधन आदि की जानकारी ली जाकर जल आवश्यकता तथा किसी भी स्थिति में फायदेमंद है एवं ऋण वापसी की पूर्णतः गारंटी होगी।

विभिन्न बैंकों से ऋण प्राप्त करने के लिए कृषकों के प्रकरण तैयार करने बैंक से प्रस्तुत करने आदि हेतु जनपद स्तर से मुख्य कार्यपाल अधिकारी, जनपद पंचायत एवं उनकी टीम के माध्यम से प्रकरण स्वीकृत करवाने में त्वरित कार्यवाही कर संपूर्ण सहयोग प्रदान किया।

स. रेवासागर निर्माण हेतु हैवी मशीनरी


जिला प्रशासन के इस सफल अभियान के फलस्वरूप रेवासागर निर्माण हेतु कृषकों को उनकी आवश्यकतानुसार तत्काल मशीनें तथा ट्रैक्टर जेसीबी, एक्सकेवेटर आदि की उपलब्धता कराना भी एक चुनौती भरा कार्य था।

मशीनों की कमी की वजह से मशीन मालिक खुदाई की दरें न बढ़ा दें अतः कृषकों के होने वाले इस शोषण का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक था।

उपरोक्त हेतु जिला स्तर पर कार्यपालन यंत्री जल संसाधन के नेतृत्व में एक सेल गठित कर उनके माध्यम से निम्नानुसार कार्यवाही की जाना सुनिश्चित कार्यवाई की गई।

1. जिले के आसपास के क्षेत्र प्रदेश के निकट के अन्य राज्यों में उपस्थित/उपलब्ध मशीनों की जानकारी उनके मालिकों के दूरभाष /पते इत्यादि की जानकारी संपूर्ण जिले में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत स्तर पर उपलब्ध कराना।

2. खुदाई की दरों पर नजर (जो मशीन मालिक द्वारा मांग की जा रही है)

3. मशीनों की संपूर्ण जिले में क्षेत्रवार उपलब्धता कराने में शिफ्टिंग टाईम का भी ध्यान रखे जाने के उद्देश्य से संपूर्ण आयोजना तैयार करना ताकि मशीन का अधिकाधिक समय कार्य में उपयोग किया जाकर वांछित प्रगति भी प्राप्त हो सके।

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