किसान 100 तालाब 110

27 Sep 2009
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यह मिसाल प्रदेश के देवास जिले के धतूरिया गांव के किसानों ने पेश की है। यहां छोटे-बड़े करीब सौ किसान हैं। इन सबने पानीदार बनने की धुन में अपनी निजी जमीन पर बरसात के पहले तक 110 तालाब बना लिए हैं। इस काम को पूरा होने में दो साल लग गए।भोपाल। मध्य प्रदेश के देवास जिले की एक पंचायत के किसानों ने निजी जमीन पर 110 तालाब बनाकर एक अनूठा कीर्तिमान बनाया है। पंचायत के सौ किसानों में से कुछ ने तो दो या अधिक तालाब भी बना दिए हैं। इन्हें उम्मीद है कि जलसंकट और पानी के खारेपन से निजात मिलने के साथ खेती में अच्छी उपज भी मिलेगी। इनका उत्साह देख केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड ने पंचायत को पुरस्कृत कराने राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजा है।

यह मिसाल प्रदेश के देवास जिले के धतूरिया गांव के किसानों ने पेश की है। यहां छोटे-बड़े करीब सौ किसान हैं। इन सबने पानीदार बनने की धुन में अपनी निजी जमीन पर बरसात के पहले तक 110 तालाब बना लिए हैं। इस काम को पूरा होने में दो साल लग गए।

पंचायत के सरपंच प्रकाश जलोदिया व सचिव सुभाष चन्द्र जलोदिया का कहना है कि पंचायत के रहवासी डेढ़ साल पहले देवास कलेक्टर रहे आईएएस अधिकारी उमाकांत उमराव को इसका शुरूआत का श्रेय देते हैं। प्रकाश के अनुसार जब रामेश्वर द्वारा तालाब बनाने की जानकारी कलेक्टर रहने के दौरान उमराव को मिली तो वे उसे देखने पहुंचे और अन्य लोगों से भी ऎसा करने की अपील की। साथ ही शासन की ओर से बलराम तालाब योजना, जलाभिषेक अभियान का लाभ दिलाने के लिए प्रस्ताव मांगे।

केन्द्रीय भू-जल बोर्ड ने जल संसाधन विभाग को पंचायत को पुरस्कार देने का प्रस्ताव भेजा। इन किसानों को राष्ट्रपति के हाथों 1 लाख का पुरस्कार मिलने वाला है।

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