कृषि के विकास के बिना बिहार का विकास सम्भव नहीं: मुख्यमन्त्री

22 Jun 2015
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Agriculture
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मुख्यमन्त्री ने कहा कि बिहार में प्रोसेसिंग की अपार सम्भावनायें हैं। प्रोसेसिंग के लिये यूनिट लगाने में बिहार सरकार 35 प्रतिशत तक की छूट देने के लिये तैयार है। अनुसूचित जाति/जनजाति एवं महिलाओं को फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में 35 प्रतिशत के अलावे पाँच प्रतिशत की अतिरिक्त छूट देने के लिये सरकार तैयार है। हम सभी इन्टरप्रेनर से अनुरोध करते हैं कि वे बिहार में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगायें। बिहार में कृषि के क्षेत्र में उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ी है।पटना। मुख्यमन्त्री श्री नीतीश कुमार ने आज होटल चाणक्या में एसोचेम द्वारा आयोजित एग्री एण्ड फूड प्रोसेसिंग कन्क्लेव का उद्घाटन करते हुये कहा कि कृषि के विकास के बिना बिहार का विकास सम्भव नहीं है। बिहार की कृषि पर अपार सम्भावनायें हैं। आज भी बिहार के 76 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर हैं। बिहार का विकास कृषि के विकास पर निर्भर है। मुख्यमन्त्री ने कहा कि कृषि का विकास सरकार की प्राथमिकता है। बिहार के लेाग मेहनती हैं, बिहार की आबोहवा अच्छी है, बिहार की मिट्टी उपजाऊ है, बिहार के लोग प्रतिभावान हैं। देश ही नहीं विदेश के कोने-कोने में लोग जाकर अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं। कृषि के विकास के लिये हमलोगों ने 2008 में कृषि रोडमैप बनाया। बेहतर बीज का उपयोग किया, आॅर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया। मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनी रहे इसलिये खाद के स्थान पर वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग को बढ़ावा दिया गया। बिहार में कृषि का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ी। कृषि के क्षेत्र में हमारी उत्पादकता बहुत ही नीचले स्तर पर थी। हमने उत्तम किस्म के बीजों का उत्पादन एवं प्रयोग शुरू किया। इससे हमारा उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ी। धान, गेंहूँ एवं आलू के उत्पादन में हमने रिकाॅर्ड स्थापित किया।

उन्होंने कहा कि कृषि के समेकित विकास के लिए कृषि रोडमैप बनाया गया। उस रोडमैप को तैयार करने में बिहार के किसान कृषि आधारित व्यवसायी से जुड़े लोग, कृषि विशेषज्ञ तथा कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लिया। विधानसभा एवं विधान परिषद में विस्तृत चर्चा के उपरान्त विधेयक पास होने पर कृषि रोडमैप बनाया गया। कृषि रोडमैप का उद्देश्य है किसानों की आमदनी बढ़े। उन्होंने कहा कि किसानों के अतिरिक्त वे सभी किसान हैं, जो खेती के काम में लगे हुये हैं। सभी किसानों की आमदनी बढ़े, इसके लिये फाइनेंस टेक्नोलाॅजी एण्ड मार्केट का विकास हो। उन्होंने कहा कि कृषि सम्बन्धी समस्याओं को दूर करने के लिये व्यापक प्रयास किये गये हैं। सिंचाई के लिये बिजली की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज एवं ड्राई स्टोरेज की व्यवस्था की जा रही है। फूड प्रोसेसिंग की व्यवस्था होने से फलों एवं सब्जियों की बर्बादी कम होगी, उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी तथा लोगों को रोजगार मिलेगा। जब हम जी.डी.पी. की गणना करते हैं तो यह प्रोसेस सेक्टर में आता है।

बिहार को झारखण्ड से अलग होने के बाद वनों का आच्छादन नौ प्रतिशत रह गया था। 25 करोड़ पौधा लगाने एवं ट्री कवर को ध्यान में रखकर किये गये कार्यों का परिणाम है कि आज वनों का आच्छादन 12 प्रतिशत से अधिक हो गया है। बिहार का क्षेत्रफल 94 हजार 163 वर्ग किलोमीटर है। उन्होंने कहा कि बिहार की आबादी 10 करोड़ 31 लाख है, जो अब बढ़कर साढ़े ग्यारह करोड़ हो गयी है। बिहार का प्रजनन दर ज्यादा है। जमीन तो फैल नहीं सकता, थोड़ी-बहुत कम ही होगी। हर साल हमारा पाँच सेंटिमीटर जमीन हिमालय में समा रहा है। 76 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है।

किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिये उत्पादकता एवं प्रोसेसिंग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कृषि कार्यों की माॅनिटरिंग के लिये कृषि कैबिनेट बनायी गयी है। बिहार में मक्का का महत्वपूर्ण स्थान है। बिहार में उत्पादित मक्का प्रोसेसिंग के लिये बाहर चला जाता है। उन्होंने कहा कि प्रोसेसिंग के अभाव में लीची, आम एवं सब्जी अधिक मात्रा में बर्बाद हो जाता है। भारत में 75 प्रतिशत लीची का उत्पादन बिहार में ही होता है। बिहार मखाना का केन्द्र है। मखाना का उत्पादन बिहार में होता है लेकिन इसका व्यापार कानपुर से होता है। बिहार में बेहतर क्वालिटी के पान का उत्पादन होता है। बिहार का दुधिया मालदह आम बहुत प्रसिद्ध है। भागलपुर का जर्दालू आम भी ख्याति प्राप्त है। उन्होंने कहा कि 10वीं लोकसभा में हमने पूरक प्रश्न में दीघा के दुधिया मालदह आम की चर्चा की थी। हमने कहा था कि आमों का राजा दीघा का दुधिया मालदह आम है, जबकि लखनऊ की दशहरी आमों की रानी है। हमने अतिविशिष्ट व्यक्तियों को दीघा के दुधिया मालदह आम खाने के लिये भेजा था, जिसकी सर्वत्र प्रशंसा हुयी थी।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि बिहार में प्रोसेसिंग की अपार सम्भावनायें हैं। प्रोसेसिंग के लिये यूनिट लगाने में बिहार सरकार 35 प्रतिशत तक की छूट देने के लिये तैयार है। अनुसूचित जाति/जनजाति एवं महिलाओं को फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में 35 प्रतिशत के अलावे पाँच प्रतिशत की अतिरिक्त छूट देने के लिये सरकार तैयार है। हम सभी इन्टरप्रेनर से अनुरोध करते हैं कि वे बिहार में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगायें। बिहार में कृषि के क्षेत्र में उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ी है। मेरा सपना है कि हर हिन्दुस्तानी की थाल में बिहार का एक व्यंजन हो। 25 इन्टरप्रेनर मिलकर एक अलग ब्राण्ड बनायें। बिहार में सुधा दूध का ब्राण्ड है, सुधा अनेक तरह का उत्पादन कर रहा है। मुजफ्फरपुर में शाही लीची का अपना ब्राण्ड है। उन्होंने कहा कि इन्टरप्रेनर को ब्राण्ड डेवलप करने का प्रयास करना चाहिये। बिहार में बिजली की स्थिति सुधर रही है, आधारभूत संरचनाओं में काफी सुधार हुआ है। नालंदा में आलू की आॅर्गेनिक खेती की जा रही है, जो स्वादिष्ट के साथ-साथ साइज में भी बड़ा है। उन्होंने कन्क्लेव में भाग लेने वाले सभी इन्टरप्रेनरों से अनुरोध किया कि कई लोग मिलकर ब्राण्ड बनायें तथा फूड प्रोसेसिंग में अधिक से अधिक निवेश करें।

आज की बैठक में स्वागत भाषण को-चेयरमैन एसोचेम बिहार डेवलपमेंट काउंसिल श्री रामलाल खेतान ने किया। सीईओ भेजीटेबल सीड डिवीजन राशि सीड श्री अरविन्द कपूर ने इन्डस्ट्रीज एड्रेस ने किया। फाउण्डर एवं प्रेसिडेंट बिहार इन्टरप्रेनर्स एसोसिएशन श्री कौशलेन्द्र कुमार ने भी इन्डस्ट्रीज सम्बोधित किया। इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन रिजनल डायरेक्टर एसोचेम श्री भरत कुमार जायसवाल ने किया। इस अवसर पर श्री रामलाल खेतान ने मुख्यमन्त्री को बुके देकर स्वागत किया।

इस अवसर पर प्रधान सचिव उद्योग श्री त्रिपुरारी शरण, बिहार इन्डस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अरूण अग्रवाल, इन्डस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष श्री के.पी.एस केशरी, बिहार इन्डस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष श्री बी.एन.चौधरी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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