कसूरी मेथी
कसूरी मेथी

कसूरी मेथी की खुशबूदार फसल 

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कसूरी सुगन्धित मेथी है। इसके पौधों की ऊँचाई तकरीबन 46 से 56 सेंटीमीटर तक होती है। इस की बढ़वार धीमी और पत्तियाँ छोटे आकार के गुच्छे में होती हैं। पत्तियों का रंग हल्का हरा होता है। फूल चमकदार नारंगी पीले रंग के आते हैं। फली का आकार 2-3 सेंटीमीटर और आकृति हंसिए जैसी होती है। बीज अपेक्षाकृत छोटे होते हैं।

भारत में कसूरी मेथी की खेती कुमारगंज, फैजाबाद (उत्तर प्रदेश) और नागौर (राजस्थान) में अधिक क्षेत्र में की जाती है। आज नागौर दुनियाभर में सब से अधिक कसूरी मेथी उगाने वाला जिला बन गया है। अच्छी सुगन्धित मेथी नागौर जिले से ही आती है और यहीं पर यह करोबारी रूप में पैदा की जाती है और इसी वजह से यह मारवाड़ी मेथी के नाम से भी जानी जाती है।

कसूरी मेथी की अच्छी उपज के लिए हल्की मिट्टी में कम व भारी मिट्टी में अधिक जुताई कर के खेत को तैयार करना चाहिए।

1. उन्नत किस्में -

2. बोआई का समय -

3. बीज दर -

4. बीजोपचार -

5. बोआई का अन्तराल व विधि -

  • छिड़काव विधि

इस में सुविधानुसार क्यारियाँ बनाई जाती हैं, फिर बीजों को एक समान रूप से छिटक कर मिट्टी से हल्का-हल्का ढक देते हैं।

  • कतार विधि

इस विधि में 20 से 25 सेंटीमीटर की दूरी पर कतरों में बोआई करते हैं। पौधे से पौधे की दूरी 20 से 25 सेंटीमीटर रखी जाती है, जबकि बीज की गहराई 2-3 सेंटीमीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

6. सिंचाई -

7. खरपतवार नियंत्रण -

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