लाॅकडाउन से दूषित हो रहा पानी, हो सकती है विभिन्न बीमारियां
लाॅकडाउन से दूषित हो रहा पानी, हो सकती है विभिन्न बीमारियां

लाॅकडाउन से दूषित हो रहा पानी, हो सकती है विभिन्न बीमारियां

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हमेशा भागदौड़ करने वाली दुनिया आज कोरोना वायरस के कारण हुए लाॅकडाउन के चलते घरों में कैद है। संक्रमण को कम करने के लिए स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धो रहे हैं। संक्रमण न फैले इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। सभी संभव एहतियात बरते जा रहे हैं, लेकिन एक नई समस्या घर के बाहर स्कूल, काॅलेज, विश्वविद्यालयों, जिम, उद्योगों आदि में आपका इंतजार कर रही है। जहां लाॅकडाउन के बाद पानी पीने से दूषित पानी से होने वाली विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। 

पानी हर इंसान के जीवन के लिए बेहद जरूरी है। हम सभी को नलों के माध्यम से पानी मिलता है। घर हो या शिक्षण संस्थान, उद्योग या कोई भी अन्य प्रतिष्ठान, हर कोइ पानी स्टोर करने के लिए टैंक बनवाता है, लेकिन सोचिए यदि इन्हीं टैंक या पाइप में ही पानी प्रदूषित हो और यही पानी आप उपयोग करें तो क्या होगा ? दरअसल बहते पानी को साफ माना जाता है। एक जगह पर लंबे समय तक ठहरने के बाद पानी सड़ने लगता है। इसलिए बोतल बंद पानी भी एक निर्धारित अवधि के बाद खराब हो जाता है। इसे हम प्रदूषित पानी भी कह सकते हैं, जो विभिन्न बीमारियों का कारण बनता है। पीने वाला यही पानी लाॅकडाउन के कारण विभिन्न शिक्षण संस्थानों, उद्योगों और जिम आदि में प्रदूषित हो रहा है।

22 मार्च से देश में लाॅकडाउन है। जिस कारण विभिन्न प्रतिष्ठानों में पानी का उपयोग नहीं हो रहा है। यहां तब से पाइपलाइन और टैंक में पानी मौजूद हैं। लंबे समय से एक स्थान पर जमा रहने के कारण पानी खराब होने लगा होगा। चैनल न्यूज एशिया (सीएनए) में छपी खबर के अनुसार कुछ दिनों तक पाइप में पानी ठहरने के कारण कैमिकल और जीव खतरनाक स्तर तक पहुंच जाते हैं, तो सोचिए लंबे समय तक पानी ठहरने से क्या होगा ? खबर में बताया गया है कि जिस प्रकार लंबे समय तक रखा खाना खाने से इंसान बीमार पड़ सकता है, उसी प्रकार भवनों की पाइपलाइन में लंबे समय तक ठहरे पानी को पीने से भी लोग बीमार पड़ सकते हैं। पर्याप्त रूप से इसका ध्यान नहीं रखा गया तो फिल्टर, वाटर टैंक, हीटर आदि कीटाणुओं का घर बन सकते हैं। 

कुछ प्रकार के पाइप मैटेरियल काफी नुकसानदायक होते हैं, जिनमें लंबे समय तक पानी जमा होने से लेड और काॅपर का स्तर असुरक्षित स्तर तक पहुंच सकता है, जिससे हृदय संबंधी बीमारी, मतली और दस्त आदि हो सकते हैं। इस प्रकार का दूषित पानी पीने से निमानिया जैसी बीमारी होने की संभावना भी है, लेकिन विशेषकर उन्हें, जिनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। ऐसे में लाॅकडाउन के बाद जब भी ये प्रतिष्ठान खुले तो पानी को उपयोग सीधे तौर पर न किया जाए। पहले से स्टोर या रुके हुए पानी को पौधों को पानी देने के रूप में किया जाए। टैंक आदि की पर्याप्त साफाई की जाए। तभी आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा।

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