नदी जोड़ने की योजना पर राज्यों के बिना आगे नहीं बढ़ेगा केंद्र

नई दिल्ली (भाषा)। केंद्र सरकार ने आज स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्यों की सहमति के बिना नदियों को जोड़ने की परियोजना पर आगे नहीं बढ़ा जाएगा और जिन राज्यों को आपत्ति है उन पर यह योजना थोपी नहीं जाएगी।

जल संसाधन एवं नदी विकास एवं गंगा पुनरूद्धार मंत्री उमा भारती ने लोकसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान केवी थामस तथा डीके सुरेश के सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।

कुछ सदस्यों की आपत्तियों के बीच उमा भारती ने कहा कि जो राज्य इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं वहां नदियों को जोड़ने की परियोजना का काम नहीं होगा और यह केवल उन्हीं राज्यों में होगा जो इसके लिए सहमति प्रदान कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार पर्यावरण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और राज्यों की सहमति से इस दिशा में आगे बढ़ेगी।

राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के तहत अंतरराज्यीय नदियों को जोड़ने के लिए चिन्हित किए गए 30 ऐसे संपर्कों में से राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी एनडब्ल्यूडीए तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई है जिनमें केन, बेतवा संपर्क, दमनगंगा, पिंजल संपर्क और पार, तापी नर्मदा संपर्क शामिल हैं।

उमा भारती ने बताया कि केन, बेतवा लिंक परियोजना तथा दमनगंगा, पिंजल लिंक परियोजना का डीपीआर एनडब्ल्यूडीए ने पूरा कर लिया है और इसे संबंधित राज्यों को सौंप दिया गया है। तापी नर्मदा लिंक परियोजना का डीपीआर पूरा होने के विभिन्न चरणों में है।

उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने भी अपने 27 फरवरी 2012 के आदेश में केन, बेतवा लिंक परियोजना को पहले क्रियान्वित करने को कहा है।

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