नष्ट हो जाएंगे 80 फीसदी वर्षा वन

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जलवायु परिवर्तन के कारण सन् 2100 तक वर्षा वन तथा उसमें रहने वाले जानवरों का 80 फीसदी हिस्सा नष्ट हो जाएगा। यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है। वर्तमान में पृथ्वी पर मौजूद वृक्षों और जानवरों का आधा से भी अधिक हिस्सा वर्षा वन में रहता है। अध्ययन में बताया गया कि अकेले अमेजन बेसिन की जैव विविधता में बदलाव को देखा जा सकता है।

वैज्ञानिकों ने बताया कि वर्षा वन की समाप्ति के जिम्मेदार कारकों में जलवायु परिवर्तन और वृक्षों की कटाई महत्वपूर्ण है। एक तरफ पूरे संसार में तेजी से जलवायु में परिवर्तन हो रहा है, वहीं, दूसरी तरफ मनुष्य अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए धड़ल्ले से वृक्षों की कटाई कर रहा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि 2100 तक मध्य और दक्षिण अफ्रीका के वर्षा वन का दो तिहाई हिस्सा और अफ्रीका के वर्षा वन का 70 फीसदी हिस्सा नष्ट हो जाएगा।

प्रमुख अध्ययनकर्ता ग्रेग एस्नर ने बताया कि जलवायु परिवर्तन और पेड़ों की कटाई के कारण हो रही वर्षा वन की क्षति पर यह पहला अध्ययन पेश किया गया है, जो कि जागरुकता के लिए बेहद जरूरी है। एस्नर और उनकी टीम ने इस अध्ययन के लिए वैश्विक स्तर पर हो रही वृक्षों की कटाई का डाटा, सेटेलाइट से ली गई तस्वीरें और जलवायु परिवर्तन संबंधित उच्च क्षमता के डाटा पर अध्ययन को पूरा किया।

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