पानी के साथ नहीं की जाएगी राजनीति : उमा

नई दिल्ली (भाषा)। देश की नदियों को जोड़ने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना पर तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों की आपत्तियों के बीच जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने आज कहा कि किसी भी राज्य की सहमति के बिना संबंधित राज्य में इसे लागू नहीं किया जाएगा और न ही पानी के साथ राजनीति की जाएगी।

पानी के मामले में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं की जाएगी बल्कि नागरिकों के हितों को सर्वोपरि रखा जाएगा।जल संसाधन और गंगा पुनर्जीवन मंत्री उमा भारती ने कहा कि पानी को लेकर विभिन्न राज्यों के बीच मुद्दे तो हो सकते हैं लेकिन विवाद नहीं होना चाहिए। पानी प्यार के लिए हो, तकरार के लिए नहीं।

जल संसाधन मंत्रालय की वर्ष 2014-15 की अनुदानों की मांगों पर सदन में हुई चर्चा का उत्तर देते हुए उमा भारती ने कहा कि गंगा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए अपनाए जाने वाले मापदंडों को अन्य नदियों के संबंध में भी अपनाया जाएगा।

नदी जल बंटवारे को लेकर विभिन्न राज्यों के बीच चल रहे विवादों तथा नदी जोड़ो योजना का विरोध करने वाले कुछ राज्यों के संबंध में उमा भारती ने कहा कि किसी भी राज्य की सहमति के बिना संबंधित राज्य में इसे लागू नहीं किया जाएगा और किसी भी राज्य के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

पानी के मामले में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं की जाएगी बल्कि नागरिकों के हितों को सर्वोपरि रखा जाएगा।

कुछ सदस्यों द्वारा दूसरे देशों के साथ जुड़ी नदियों पर संबंधित देशों द्वारा किए जाने वाले निर्माण को लेकर उठाए गए सवालों पर जल संसाधन मंत्री ने कहा कि इस संबंध में किए जाने वाले किसी भी समझौते में केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार राष्ट्रीय हितों की अनदेखी नहीं होने देगी।

इसके साथ ही उमा भारती ने जल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वर्ष 2015-16 का पहला सप्ताह देशभर में जल संरक्षण के रूप में मनाया जाएगा और उसके बाद सालभर देशभर में इस विषय पर कार्यक्रमों का आयोजन होगा।

उन्होंने कहा कि नदियों को जोड़ने की परिकल्पना के पूर्ण होने पर देश में किसी भी व्यक्ति की मौत भूख से नहीं होगी, न किसी किसान को आत्महत्या करनी पड़ेगी और साथ ही इससे शहरों की ओर पलायन भी रूकेगा।

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