सहस्त्रधारा से अवैध खनन की मिट्टी पुलिस विभाग को जानी थी

27 Apr 2019
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पर्यटक स्थल सहस्त्रधारा को बचाने की मुहिम में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। सहस्त्रधारा में एक बड़े हिस्से में अवैध रूप से पहाड़ खोदकर निकलने वाली मिट्टी पुलिस विभाग की देहरादून में बनने वाली एक बड़ी बिल्डिंग में भरान के लिए जानी थी। इसके लिए प्रॉपर्टी डीलर का एक आईपीएस से समझौता तक हो गया था।

सूत्रों के अनुसार आईपीएस की ओर से प्रॉपर्टी डीलर के इस प्लाट का जल्द डिमार्केशन कराने के लिए राजस्व विभाग पर दबाव भी डाला जा रहा था। प्रॉपर्टी डीलर ने मुफ्त में ये मिट्टी पुलिस विभाग को देने के बदले डिमार्केशन जल्द करवाने की शर्त रखी थी।

एक आईपीएस बना रहा था पटवारी पर डिमार्केशन का दबाव

इसके चलते कई दिनों तक एक सिपाही राजस्व के एक पटवारी के पीछे दबाव बनाने में लगा रहा। उसने कई बार आईपीएस से पटवारी की बात भी करवाई। जिसमे पटवारी ने जमीन में लफड़े की बात कही थी। प्लाट वन भूमि में होने के कारण इसके डिमार्केशन में दिक्कतें आ रही थी।

प्रॉपर्टी डीलर से हुआ था मुफ्त की 200 ट्रक मिट्टी का समझौता

इसी बीच मीडिया और अख़बारों में इस पर खबर छपने के बाद प्रॉपर्टी डीलर को पहाड़ काटकर जमीन का खुदान बंद करना पड़ा। अगर खुदान बंद नहीं होता तो वहां से अवैध खुदाई से निकली करीब 200 ट्रक मिट्टी पुलिस विभाग को दे दी जाती। सहस्त्रधारा में वन भूमि पर अवैध कब्जा और पहाड़ कटान के इस खेल में वन विभाग के कुछ अफसर पहले ही घेरे में आ गए हैं। लेकिन अब पुलिस विभाग के एक आला अधिकारी का नाम आने के बाद खेल और भी बड़ा हो गया है।

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