श्रीविधि से लक्ष्य को पाने में झारखंड फेल

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झारखंड श्रीविधि (एसआरआइ) से खेती करने के लक्ष्य से काफी पीछे है। पिछले खरीफ मौसम 2013-14 में झारखंड ने पांच लाख हेक्टेयर भूमि पर श्रीविधि से खेती करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन इसके बनिस्पत राज्य मात्र 67804.842 हेक्टेयर भूमि पर श्रीविधि से खेती कर सका। यानी लक्ष्य का मात्र 14 ही राज्य हासिल कर सका।

अगर सामान्य सिद्धांत के अनुसार 30 प्रतिशत अंक को पास मार्क माना जाए, तो कह सकते हैं कि झारखंड श्रीविधि के लक्ष्य को हासिल करने में फेल हो गया है। हालांकि विभाग ने इसके लिए अपर्याप्त बारिश को जिम्मेवार ठहराया है। श्रीविधि से खेती करने के लिए 1535.68639 लाख रुपए आवंटित किए गए थे। जिसमें 971.55462 लाख रुपए खर्च हुए और 564.13177 लाख रुपए लौटा दिए गए।

पिछले साल दुमका 30770 हेक्टेयर में श्रीविधि से धान की खेती का लक्ष्य था, लेकिन वहां यह आंकड़ा शून्य रहा है। पलामू, गढ़वा, देवघर, पाकुड़, गिरिडीह व कोडरमा ऐसे जिले हैं, जो श्रीविधि से खेती करने में सबसे पीछे रहे। वहीं, पूर्वी सिंहभूम, रांची, खूंटी, सिमडेगा, गोड्डा, पश्चिमी सिंहभूम, बोकारो व धनबाद जिले श्रीविधि से खेती करने के लक्ष्य को हासिल करने में बेहतर रहे।

श्रीविधि की खेती करने को लेकर झारखंड के किसानों में काफी उत्साह है। जो किसान एक बार श्रीविधि से खेती कर लेता है, वह इसी तरीके से खेती करना चाहता है। राज्य सरकार का कृषि विभाग भी मानता है कि उपज बढ़ाने व किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए इस विधि को प्रभावशाली ढंग से अपनाना जरूरी है। परंपरागत विधि की तुलना में यह विधि किसानों के लिए अधिक कारगर व लाभदायक है।

इस विधि से खेती करने पर सात से दस मैट्रिक टन धान का प्रति हेक्टेयर में उत्पादित किया जा सकता है, जबकि परंपरागत विधि से ढाई से तीन मैट्रिक टन धान प्रति हेक्टेयर में उत्पादित किया जा सकता है। इस साल 2014-15 में राज्य ने 194283 हेक्टेयर भूमि में श्रीविधि से धान की खेती करने का लक्ष्य रखा है। विभाग के द्वारा तय किए गए लक्ष्य के अनुसार प्रति एक हजार हेक्टेयर भूमि में 900 हेक्टेयर पर श्रीविधि से एवं 100 हेक्टेयर भूमि पर डीएसआर (डायरेक्ट सिडेड राइस) यानी सीधे धान के बीज की बोआई करने की योजना है।

प्रोजेक्ट को हासिल करने की रणनीति

इस साल का लक्ष्य

वित्तीय वर्ष 2013-14 में कैसा रहा श्रीविधि का हाल

जिले का नाम
लक्ष्य
उपलब्धि
रांची
49370
3045.24
खूंटी
21470
4976.64
गुमला
53270
1180.97
सिमडेगा
26870
3196
लोहरदगा
13670
572.69
पू सिंहभूम
38570
11890
प. सिंहभूम
34370
2291.8
सरायकेला
27770
6843
पलामू
13370
563.4
गढ़वा
15770
1100
लातेहार
7390
327.2
हजारीबाग
23870
2649
रामगढ़
9170
2648
चतरा
10370
6750
कोडरमा
4670
1639
गिरिडीह
23570
1660
धनबाद
16370
2222.3
बोकारो
9770
2296.602
दुमका
30770
शून्य
जामताड़ा
13370
1550
देवघर
14870
757
गोड्डा
13070
6571
साहेबगंज
13970
2250
पाकुड़
14270
825
कुल
500000
67804.842

खरीफ 2014-15 में खरीफ के लिए लक्ष्य

जिला
लक्ष्य
श्रीविधि लक्ष्य
(90%)


रांची
6000
5400
खूंटी
20000
18000
गुमला
3000
2700
सिमडेगा
3000
2700
लोहरदगा
1200
1080
पू सिंहभूम
4000
3600
प. सिंहभूम
30000
27000
सरायकेला
27200
24480
पलामू
14000
12600
गढ़वा
15000
13500
लातेहार
1000
900
हजारीबाग
3000
2700
रामगढ़
3000
2700
चतरा
10800
9720
कोडरमा
4000
360
गिरिडीह
24000
21600
धनबाद
5000
4500
बोकारो
4000
360
दुमका
4000
3600
जामताड़ा
15000
13500
देवघर
1200
1080
गोड्डा
13070
11763
साहिबगंज
6000
5400
पाकुड़
2000
1800
कुल
219470
194283

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