सूखे से निपटने में बाँधों की होगी अहम भूमिका


केन्द्रीय जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ समेत देश के अन्य प्रदेशों के जल संसाधन विभागों को एक पत्र के जरिए उनके यहाँ स्थित नदी और बाँधों के वेटलैंड (आर्द्र भूमि) की जानकारी एकत्रित करा रहा है। वेटलैंड के अध्ययन के बाद इन जलाशयों में बाँधों के बाद इन जलाशयों में बाँधों की क्षमताओं को बढ़ाने या उनके विस्तार का ब्लू प्रिंट तैयार किया जाना है।

सूखे से निपटने में आगामी समय में बाँध मुख्य अस्त्र साबित हो सकते हैं। इसको देखते हुए केन्द्र के जल संसाधन मंत्रालय ने प्रदेश के सभी जल संसाधन विभागों से बाँधों के आस-पास वेटलैंड के बारे में विस्तृत जानकारी रिपोर्ट समेत माँगी है। इस रिपोर्ट के आधार पर एक ब्लू प्रिंट तैयार होगा।

रिपोर्ट भेजे जाने की तैयारी के क्रम में जल संसाधन विभाग वेटलैंड सम्बन्धी जानकारी एकत्रित करने में जुटा हुआ है। इसके साथ ही बाँधों की पैमाइश कराने का काम तेज हो गया है।

सूत्रों के अनुसार प्रदेशों में हर दो-तीन साल बाद पड़ने वाले सूखे की मार वहाँ की जनता पर अधिक न पड़े, इसको देखते हुए केन्द्र के जल संसाधन विभाग ने प्रदेश के सभी नदियों और बाँधों को ध्यान में रखकर जल संरचनाओं को उसके लिये खरा माना है। केन्द्रीय जल संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ समेत देश के अन्य प्रदेशों के जल संसाधन विभागों को एक पत्र के जरिए उनके यहाँ स्थित नदी और बाँधों के वेटलैंड (आर्द्र भूमि) की जानकारी एकत्रित करा रहा है। वेटलैंड के अध्ययन के बाद इन जलाशयों में बाँधों के बाद इन जलाशयों में बाँधों की क्षमताओं को बढ़ाने या उनके विस्तार का ब्लू प्रिंट तैयार किया जाना है।

केन्द्र ने राज्य से ये जानकारी मांगी


केन्द्र ने सभी जल संसाधन विभागों को भेजे पत्र में कहा है कि वे जानकारी भेजें कि उनके यहाँ कितने बाँध हैं, और वह सूखा से निबटने में कितने उपयोगी साबित हो सकते हैं, इसकी भी एक रिपोर्ट बनाकर भेजी जाए। प्रदेश में महानदी, खारून, शिवनाथ, तांदूला, माण्डा, इन्द्रावती आदि नदियाँ प्रमुख हैं।

ये है वेटलैंड


बाँध के कुल बहाव क्षेत्र और उसके सूख चुके क्षेत्र के अंतर को आर्द्र भूमि कहा जाता है। ये भूमि वह है जिस पर भराव जरूरी होता है। दरअसल, किसी भी जल भराव संरचना की गीली भूमि पर्यावरण के हिसाब से बेहतर होती है।

 

दी जाएगी जानकारी


केन्द्र सरकार जो भी जानकारी मांगती है, उसको हम भिजवाते रहे हैं, वेटलैंड के बारे में कोई पत्र आया है तो उसको दिखवाकर शीघ्र जानकारी भेजी जाएगी। - हेमन्त कुटारे, प्रमुख सचिव, जल संसाधन

 

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading