प्रदूषण और जलगुणवत्ता
विकलांगों की बस्ती
१२ वर्ष का शम्भू कैमरे को देखकर पत्थर उठा लेता है, क्यूँ न उठाये वो पत्थर? सत्ता की शर्मनाक चुप्पी, प्रशासन की बदनीयती और जनप्रतिनिधियों की कफ़न खसोटी का असर कुछ तो होना था| गनीमत है कि अति नक्सल प्रभावित इस जनपद का रहने वाला अपाहिज शम्भू बन्दूक नहीं उठा रहा| सिर्फ शम्भू ही नहीं जिंदगी को घिसट-घिसट कर चलना सोनभद्र के उन हजारों, स्त्री, पुरुषों की नियति है जिन्हें फ्लोरोसिस का कहर तिल-तिल कर मार रहा है।
- सोनभद्र में फ्लोरोसिस से भारी तबाही
- कई गावों में बरसों से नहीं गूंजी शहनाई
- नपुंसक बना रहा फ्लोराइड
नोट -ये रिपोर्ट सोनभद्र के फ्लोरोसिस प्रभावित गांवों में वृहद् सर्वेक्षण के बाद लिखी गयी है, इस रिपोर्ट के सम्बंध में कोई भी जानकारी लेखक के सेलफोन 09838346828 पर ली जा सकती है|