आपदा
ज्यों ज्यों दवा की, मर्ज बढ़ता गया
बिहार में बाढ़ ने अब विकराल रूप धारण कर लिया है। भयंकर तबाही हुई है। अभी तक राज्य के 19 जिलों के 1.67 करोड़ से ज्यादा आबादी प्रभावित है। अब तक 400 से ज्यादा जान जाने की खबर है। मरने वालों की संख्या में रोजाना बढ़ोत्तरी हो रही है। सबसे ज्यादा 87 लोगों की जान अररिया जिले में गयी है। यह संख्या ज्यादा भी हो सकती है। राहत और बचाव कार्य में सरकार की तरफ से एनडीआरएफ के 27, एसडीआरएफ की 15 और सेना की 6 टीमें लगी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 7 लाख 61 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया। 1085 राहत शिविर लगाए गए हैं और 1608 सामूहिक भोजनालय चलाए गए। राहत कार्य में नागरिक पहल भी हो रही है फिर भी धरातल पर त्राहिमान है। 2007 के बाद सबसे विनाशकारी बाढ़ का सामना राज्य कर रहा है।
हर साल आती बाढ :
तटबंधों में कैद जिंदगी :
सरकारी प्रयासों के उलटे प्रभाव :
तटबंध बाढ़ का समाधान नहीं :
अतिथि नहीं है बाढ़ :
विनाशकारी होगी नदी जोड़ :
नदी के विज्ञान को समझना :
लेखक परिचय