क्या है चेन्नई की बाढ़ की हकीक़त

क्या है चेन्नई की बाढ़ की हकीक़त

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देश का चौथा सबसे बड़ा महानगर चेन्नई जो कभी केरल का प्रवेश द्वार तक कहा जाता था और समूची दुनिया में पर्यटन की दृष्टि से आकर्षक शहरों की सूची में 52 जगहों में एक था, आज अप्रत्याशित कहें या अभूतपूर्व बारिश के कारण पानी-पानी हो गया है।

असलियत यह है कि चेन्नई में हुई बीते दिनों की बारिश ने पिछले 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। नवम्बर के महीने में इस साल चेन्नई में कुल 1025 मिलीलीटर बारिश हुई जबकि 1918 में 1089 मिलीलीटर बारिश दर्ज की गई थी। जाहिर है इस साल बारिश ने बीते सालों के सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं। वहाँ बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है।

अगले सात दिन तक बारिश की आशंका को नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता। मौसम विभाग की मानें तो अगले 72 घंटे में भीषण बारिश की आशंका है। दरअसल बारिश से 86 लाख की आबादी वाला शहर डूब रहा है। बारिश से सात जिले सर्वाधिक प्रभावित हैं। पचास लाख लोग बाढ़ के पानी की चपेट में हैं।

कई मोहल्ले वीरान हो गए हैं। हर जगह हाहाकार मचा हुआ है। पानी का बहाव इतना तेज है कि लोगों के पैर ठहर ही नहीं पा रहे। आज हालत यह है कि 12 ट्रेनें रद्द की जा चुकी हैं। वायु सेवा प्रभावित हुई है। नतीजन चेन्नई एयरपोर्ट बन्द कर दिया गया है। रनवे पर हवाई जहाज के पहिए पानी में डूबे हुए हैं।

इस कारण चेन्नई एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। कारण चेन्नई एयरपोर्ट और रनवे पानी में डूबा हुआ है। चेन्नई एयरपोर्ट पर फँसे 700 यात्रियों को निकालने के प्रयास जारी हैं। उन्हें समीपस्थ एयरपोर्ट तिरुपति के माध्यम से सुरक्षित निकालने के लिये हरसम्भव कोशिशें की जा रहीं हैं। आगामी दस दिनों तक के लिये सभी स्कूल-कॉलेज बन्द कर दिये गए हैं।

डीएसएम की गार्डन सिटी पूरी तरह डूब चुकी है। 17 मंजिल वाली इमारत में बिजली-पानी का संकट है। सारा इलाका पानी से सराबोर है। इस वजह से लोग मृतकों का अन्तिम संस्कार भी नहीं कर पा रहे हैं। तिरुमंगलम पुलिस स्टेशन पानी में डूब गया है। अस्पतालों और घरों में पानी घुसा हुआ है। वहाँ एक से डेढ़ मीटर तक पानी भरा हुआ है। अस्पतालों तक मरीजों का पहुँचना मुश्किल हो रहा है।

चेन्नई का इंडस्ट्रीयल एरिया पानी में डूबा है। अड्यार नदी का पानी नदी के पुल के ऊपर से बह रहा है। सत्यभामा यूनीवर्सिटी, सदापुरम, ताम्ब्रम, बेलाचेरी, नंदीपुरम आदि इलाके पानी में डूबे हुए हैं। ताम्ब्रम में तो हालत यह है कि यहाँ पानी में डूबी कार के ऊपर से नाव चल रही है। इस बारिश से उत्तरी तमिलनाडु सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।

चारों ओर सुरक्षित स्थानों पर जल्दी-से-जल्दी पहुँचने की लोगों में होड़ लगी है। सेना, नौसेना व एनडीआरएफ की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य में जी जान से जुटी है। एनडीआरएफ के डीजी ओ पी सिंह कहते हैं कि अभी तक उनकी टीमों ने 500 लोगों को बचाया हैं। वहीं उनके सलाहकार अनुराग गुप्ता कहते हैं कि चेन्नई में हर तरफ पानी-ही-पानी है।

इस सैलाब ने चेन्नई में तबाही ला दी है। एनडीआरएफ की टीमें छोटी-छोटी नावों की मदद से लोगों को पानी से बाहर निकालने में जी-जान से जुटी हैं। विशाखापट्टनम से आईएनएस ऐरावत चेन्नई भेजा गया है। समूचे बाढ़ प्रभावित इलाकों की ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है।

चेन्नई की मध्यवर्गीय कालोनियों में हैलीकॉप्टरों की मदद से खाने की सामग्री के पैकेट और पानी की बोतलें गिराई जा रही हैं। तात्पर्य यह कि प्रशासन द्वारा राहत के हरसम्भव प्रयास जारी हैं। फिर भी राज्य की राजधानी चेन्नई और उसके पड़ोसी जिले कुडलोर और पुडुचेरी में बारिश से तकरीब 200 के करीब मौतें हो चुकी हैं। लेकिन बाढ़ के हालात में कोई सुधार नहीं है।

चेन्नई के लोगों का कहना है कि उन्होंने आज तक ऐसी बाढ़ कभी नहीं देखी। राज्य सरकार के मुताबिक इस बारिश से अभी तक 8000 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है जबकि नुकसान का पूरी तरह आकलन अभी तक नहीं हो सका है जो होना अभी बाकी है।

चेन्नई में हुई बीते दिनों की बारिश ने पिछले 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। नवम्बर के महीने में इस साल चेन्नई में कुल 1025 मिलीलीटर बारिश हुई जबकि 1918 में 1089 मिलीलीटर बारिश दर्ज की गई थी। जाहिर है इस साल बारिश ने बीते सालों के सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं। वहाँ बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है। अगले सात दिन तक बारिश की आशंका को नजरअन्दाज नहीं किया जा सकता। मौसम विभाग की मानें तो अगले 72 घंटे में भीषण बारिश की आशंका है।

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