लोक साहित्य में जल
लोक साहित्य में जल

भारतीय लोक संस्कृति और साहित्य में जल की महिमा

भारतीय धर्म, संस्कृति और साहित्य में जल को अमृत तुल्य और जीवनदाता माना गया है। एक ओर जहां जल को प्रदूषित न करने की बात कही गई है, वहीं दूसरी ओर उसका संरक्षण यानी अपव्यय न करने की बात कही गई है। सभी धर्मों में इसकी महत्ता को समझाया गया है।
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यदि हम प्राचीन ग्रंथों की बात करें तो ऋग्वेद में जल संरक्षण करने का उल्लेख मिलता है। अथर्ववेद में भी लोगों को जल संरक्षण के लिए आगाह किया गया है। इसके अलावा, तैतरीय उपनिषद, छांदग्योपनिषद और शंख स्मृति में भी कहा गया है कि पानी असीमित नहीं है, उसकी मात्रा निश्चित है। इसलिए उसे बचाने की चेतावनी दी गई है।

यदि हम हिन्दू शास्त्रों की बात करें तो माना जाता है कि राजा सागर के पुत्र भागीरथ ने अपने 60 हजार पूर्वजों की मुक्ति के लिए गंगा की आराधना भगवान शिव से एक पैर पर खड़े होकर की थी। गंगा के अवतरण के बाद धरती में जल को संरक्षित करने की मुहिम भी शुरू हो गई।

मनुस्मृति में भी कहा गया है कि जो व्यक्ति पानी को दूषित करता है उसे सजा दो। क्योंकि पानी से ही जीवन शुरू होता है और इसी से ही अंत।

गुरू ग्रंथ साहिव में भी चेतावनी देते हुए लिखा है- "धरती मां है और इसकी नदियां नाड़ियां हैं, जबकि जंगल फेफड़े हैं।" यानी पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करना चाहिए ।

जैन धर्म में कम से कम जल का उपयोग करने की बात कही गई है ताकि पानी का अपव्यय न हो। न्यूनतम पानी से स्नान करना, पानी को निथारकर पीने, सूखे वर्तन साफ करने जैसी बात कही गई है।

भारतीय संस्कृति में नदियों का अपना महत्व है। गंगा को सर्वाधिक पवित्र नदी माना गया है। गंगा जल का महात्म्य जगजाहिर है। कोई भी धार्मिक कार्य गंगाजल के बगैर सम्पन्न नहीं होते। यहां तक कि जब व्यक्ति मृत्यु शैय्या पर पड़ा होता है, तब भी उसके मुंह में गंगा जल डाला जाता है। मान्यता यह है कि इससे उसे मोक्ष मिलेगा। गंगा स्नान से ही पाप धुल जाते हैं, ऐसी मान्यता भी है।

हमारे धर्म और संस्कृति के अनुसार, जल शरीर के लिए अत्यन्त जरूरी और पोषक तत्व है। यह एक प्राकृतिक टॉनिक है, जिससे शरीर को पोषण मिलता है। इसलिए जितना जरूरी रक्त है, उत्तना ही जरूरी जल भी।

आयुर्वेद में कहा गया है -

"सवितुरूदय काले प्रसृति सलिस्व पिवेदरौ"

"रोग जरा परी मुक्तो जीवेद्धत्सर भात साग्रम"

अर्थात् जो सूर्योदय पूर्व जल पीता है, वह कभी बीमार नहीं होता तथा कभी बूढ़ा नहीं होता। वह शतायु होता है। आयुर्वेद में उषा पान को अमृत पान कहा गया है। अर्थात् सवेरे उठकर पानी पीना अमृत का सेवन करना है।

और वायु पर निर्भर है। अतः इनकी सुरक्षा और स्वच्छता बनाए रखना हमारा कर्तव्य है।

निदाफाजली ने खूब कहा है-

"अल्ला मेघ दे, पानी दे, पानी दे, गुड्धानी दे।"

अर्थात् पानी से फसलें जीवन पाती हैं।

जल की महिला अपरंपार है। हमारे जीवन में जल कितना अहमियत रखता है, यह बताने की आवश्यकता नहीं है। जल की उपयोगिता, महत्व, संरक्षण और प्रदूषण को लेकर सदियों से मुहावरे, लोकोक्तियां ओर सुक्तियां प्रचलित हैं। आज जबकि जल संकट व्याप्त है, जल प्रदूषित हो रहा है। ऐसे में जल के प्रति जागरूकता लाना बहुत जरूरी है ताकि लोग इसकी महत्ता समझें तथा इसे व्यर्थ बहाने और दूषित करने से बचें। आइये देखते हैं ऐसे ही कुछ मुहावरे, लोकोक्तियां और सूक्तियां ।

जल पर आधारित मुहावरे और लोकोक्तियां - 

• ‘नंगा नहाएगा क्या और पहनेगा क्या?’ अर्थ अत्यधिक गरीब होना।

• ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ अर्थ यदि मन साफ हो तो गंगा स्नान की क्या जरूरत ।

• ‘अधजल गगरी छलकत जाए’ अर्थ - अधूरा ज्ञान होना

• ‘गागर में सागर’ अर्थ छोटी जगह में अधिक समा जाना

• ‘चेहरे का पानी उतरना’, अर्थ - शर्मिन्दा होना

• ‘पानी-पानी हो जाना’ अर्थ- शर्मिन्दगी महसूस होना

• ‘चुल्लू भर पानी में डूब मरना’, अर्थ - गलत आचरण करने पर लज्जित करना

• ‘जल में रहकर मगर से बैर न करना ‘अर्थ जहां रहते हैं वहां के राजा से दुश्मनी न करना

• ‘जल बिन मछली’ अर्थ - तड़पना

.• ‘आंखों से गंगा जमुना बहाना’ अर्थ - रोकर आंसू बहाना

• ‘बूंद-बूंद से घड़ा भरना’ अर्थ छोटे छोटे प्रयासों से सफलता मिलना

• ‘जो गरजते हैं, वो बरसते नहीं’ अर्थ डींगे हांकने वाला कुछ नहीं कर सकता

• ‘उल्टी गंगा बहना’ अर्थ - नीति विरूद्ध काय

• ‘मुंह में पानी आना’ अर्थ व्यंजन देख ललचाना

• ‘सिर से पानी ऊपर निकल जाना’ अर्थ - डूब जाना, जलमग्न होना

• ‘प्यास लगने पर कुआं खोदना ‘अर्थ- जरूरत पड़ने पर कार्य प्रारम्भ करना

• ‘पानी पिला-पिला कर मारना ‘अर्थ झूठी प्रशंसा करके काम निकलवाना

‘नदी नाव संयोग’ अर्थ संयोगवश मिलना

• ‘नाव कभी इस पार तो कभी उस पार’ अर्थ वक्त सदैव एक जैसा नहीं रहता

• ‘दो नावों पर सवार होना’ अर्थ ऐसा प्रयास जो मंजिल तक न पहुंचे

• नेकी कर दरिया में डाल अर्थ - भलाई करके भूलना

• पानी में आग लगाना अर्थ असंभव को संभव बनाना

• पानी पीकर कोसना अर्थ - मतलब निकलने पर बुरा भला कहना

• फिसल गए तो हर हर गंगे अर्थ असफल होने पर आदर्श की बातें करना

• बहती गंगा में हाथ धोना अर्थ भीड़ में शामिल होकर उनका साथ देना

• होज भरे तो फव्वारे छूटें अर्थ- आमदनी होने पर व्यय करना

• भगीरथी प्रयास करना अर्थ-कठिन प्रयास करना

• आसमान पाताल एक कर देना अर्थ- कड़ी मेहनत करना

• किए पर पानी फेर देना अर्थ- प्रयासों को निरंथक बना देना

• पानी की भांति पैसा खर्च करना अर्थ अनापशनाप खर्च करना

• गंगा नहा लिए अर्थ कार्य का निर्वाध रूप से सम्पन्न होना

• घर बैठे गंगा आई अर्थ बिना प्रयास किए कार्य हो जाना.

• घाट-घाट का पानी पीना अर्थ स्थान-स्थान की खाक छान चुकना

• डूबते को तिनके का सहारा अर्थ विपत्ति में आशा की किरण दिखना

• ठंडे पानी के छींटे मारना अर्थ- गुस्सा शांत करने की कोशिश

• जल बिना सब सून अर्थ जल की महत्ता बताना

• कुआं नहीं जाता प्यासे के पास अर्थ जिसकी गरज हो, उसे पहल करना चाहिए

• आसमान से बातें करना अर्थ-बड़ी-बड़ी डींगे हांकना

• चिकना घड़ा होना अर्थ किसी बात का कोई प्रभाव नहीं पड़ना

• उल्टे घड़े पर पानी नहीं टिकता अर्थ अज्ञानी को ज्ञान की वात समझ में नहीं आती

• गरजे सो बरसे नहीं अर्थ डींगे हांकते रह जाना

• थोड़े से प्यास नहीं बुझती अर्थ- बड़े कार्य के लिए बड़े प्रयास जरूरी

• सिर मुंडाऐ ही ओले पड़े अर्थ कार्य की शुरूआत करते ही अड़चन आना

• घड़ों घड़ों पानी पड़ना अर्थ - खूब बारिश होना

• आंखों का पानी ढलना अर्थ - उम्र का बढ़ना

• पानी देना अर्थ- सहायता करना

• हुक्का-पानी बंद कर देना अर्थ जाति-समाज से बेदखल करना

• चार कोने का नगर बना चार कुएं विन पानी

अर्थ- बिना सुविधा वाला शहर

• पेट का पानी न पचना अर्थ रहस्य उजागर किए बगैर चैन न मिलना

दाना पानी छोड़ना अर्थ खाना-पीना छोड़ देना

• पानी के मोल होना अर्थ जरूरत से ज्यादा सस्ता होना

• आंखों का पानी उतरना अर्थ- शर्मसार होना

• आगे कुआं पीछे खाई अर्थ दोनों ओर संकट

• बहता पानी कहे कहानी अर्थ बिना बताय सत्यता प्रकट होना

जल पर आधारित सूक्तियां - 

• जल है तो कल है

• हम सबकी जिम्मेदारी, जल प्रदूषण मुक्त हो दुनिया सारी।

• पानी से है जीवन की आस, बचाने का करो प्रयास ।

• विन पानी बदहाली, पानी से मिलती हरियाली

• पानी को बचाना है, थोड़े में काम चलाना है

• पानी हमें बचाता, हम बचाएं पानी

• बूंद-बूंद से घट भरता है, हर बूंद बचाना है

• बिन पानी चेहरे लटके, नदी-तालाब सव सूख

• पानी हमारी जान है, बिन पानी शरीर बेजान है

• आधा गिलास पीना है, आधा बचाना

•सूखी करें सफाई, पानी से न करे वाहनों की धुलाई

• सुरक्षित पानी अपनाना है, जीवन को बचाना है

• जल बिन तड़पे मछली, प्यासे रहते पंक्षी

• जल चेतना जगाना है, अलख जगाना है .

• पेयजल बचाना है, उसकी उपलब्धता बढ़ाना है

• होली की हुड़दंग, सूखे रंगों के संग

• बाढ़ से बचना है, पानी को बचाना है

• नदी-तालाब बचाना है, अतिक्रमण हटाना है

• जल है, तो समृद्धि है

• अपशिष्ट जल का करें उपचार, अन्यथा होंगे बीमार

• वर्षा जल का करें उपयोग, व्यर्थ जाने पर लगाएं रोक

• जल संरक्षण को अपनाना है, जनता को चेताना है

•. जल की गुणवत्ता का न हो नाश, अन्यथा होगा महाविनाश

• जल संकट है गंभीर, संभल जाओ सभी

• पानी का नहीं होने देंगे, दुरूपयोग

• जल धरती का प्राण है, बिना जल धरती निष्प्राण है

• आओ मिलकर करें वन्दना, जल को नहीं करेंगे गंदा

• आओ मचाए शोर, पकड़े पानी चोर

• असुरक्षित जल, असुरक्षित मानव

• जब तक रहेगा जल प्रदूषित, कैसे रहेगा मानव सुरक्षित

• व्यर्थ न बहाएं जल, वरना मुश्किल होगा कल

• पानी है वरदान, देता फसलों को जीवनदान

• पानी बचेगा तो जीवन संवरेगा

• पानी तेरे सैकड़ों नाम, जितने नाम उतने तेरे काम

• हर मर्ज की दवा है पानी, चेहरे पर नूर लाए पानी

• प्रण हम करेंगे, पानी को बर्बाद न करेंगे

• मांझी करे पुकार मेरी नैया लगे उस पार

• पानी है तो जंगल हैं, जंगल है तो पेड़ हैं

• धरती पर सौगात है पानी, नहीं वबांद करें पानी

• सुरक्षित पानी पीना है अधिक आयु जीना है

• स्वच्छ पानी, स्वस्थ भारत

• निर्मल जलधारा, हमारी जीवनधारा

• जल संरक्षण का कानून बनाएंगे, सख्ती से पालन कराएंगे

• स्वच्छ पानी, स्वस्थ शरीर

• पानी अनमोल है, जीवन में उसका मोल है

• बिना पानी, खुशहाली नहीं

• जल ही जीवन है

• पानी की बर्बादी जीवन की बदहाली

• पानी हम बचाएंगे, अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे

• पानी है गुणों की खान, बनाता हमें महान्

• पानी बचाना नीति है, यह संजीवनी बूटी है

• पानी बचाएं, धरती को स्वर्ग बनाएं

• पानी के मोल से, अनजान होते हैं नादान

• रेगिस्तान का असर, पानी करे बेअसर

• पानी अमूल्य उपहार, धरती का करे श्रृंगार

• पानी का कल नहीं है कोई विकल्प

• पानी की अशांति, बनती क्रांति

• दूषित पानी फैलती बीमारी

• नदी हमारी शान है, जल उसका प्राण

• पानी बिना सूने खेत, धरती हो गई रेत

• दूषित नदियां हो गई बेकार, कौन है इसके लिए जिम्मेदार

• खुशियों का अंबार पानी से भरा सागर

• मिले-जुले प्रयास, पूरे करें जल की आस

• पानी हम बचाएंगे, अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे

• नदी हमारी मां है, उसे प्रदूषित होने से बचाएंगे

• जैविक खाद अपनाएंगे, जल को बचाएंगे

• मानसून बरसेगा, हम सहेजेंगे

• पानी ऊर्जा है, और ऊर्जा पानी

• शपथ हम लेते हैं, व्यर्थ बहता पानी रोकेंगे

• प्यासा जाने, पानी का मोल

• जल है जीवन का आधार, तभी चलता सारा संसार

• जल से सृष्टि है, सृष्टि है ती दृष्टि है

• पानी कीमती रतन, करे उसे वचने का जतन

• सुरक्षित जल, सुरक्षित जीवन

• आसमान से आस, धरती की बुझाएगा प्यास

• बच्चे, बूढ़े, एक समान, पानी बचाकर बनें महान

• खुशियों का अंबार पानी से भरा सागर

• मिले-जुले प्रयास, पूरे करें जल की आस

• पानी से हरियाली, और हरियाली से खुशहाली

• हर मुरझाए चेहरे की दवा है पानी

• पानी बचाएं, सुरक्षित भविष्य पाएं

• पानी है अनमोल, कम न तोलो उसका मोल

भरपूर पानी लहलहाती फसलें । उपरोक्त मुहावरे, लोकोक्तियां और सुक्तियां तो उदाहरण मात्र हैं। इनके अलावा, स्थानीय और पारंपरिक स्तर पर भी इनका अपना प्रचलन है।

संर्पक करें

किरण बाला 43/2, सुदामानगर, रामटेकरी, मन्दसौर (म.प्र.) 458 001

मो. 9826042811

इमेलः anucomputer@rediffimail.com

 

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