फोटो साभार - सचिन सिंह
फोटो साभार - सचिन सिंह

गंगा महाबैठक का निमंत्रण

मां गंगा पर आश्रित इकोलॉजी एवं जन समूह का बच पाना एक मूल प्रश्न है जिसका उत्तर ऐसा हो जिसमें मां गंगा के दैविक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, बौद्धिक, और वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं का सही मिश्रण, समीकरण और संतुलन हो, अत: हम सब साथ मे चर्चा करें ताकि आगे की कानूनी, सरकारी पॉलिसी, हस्ताक्षर अभियान एवं दृढ़ जन आंदोलन को रूप दिया जा सके। 
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हम सब मां गंगा की मुनाफाखोरों के हाथों हो रही निरंतर निरंकुश अवैज्ञानिक क्षति रोकने के लिए अथक कार्यरत हैं। ताकि मां गंगा की त्रासदी निवारण हो सके और आने वाली पीढ़ियों की संपदा बचाई जा सके। यह भी सत्य है कि हम सब के निजी और संस्था के प्रयत्नों का निचोड़ यही है कि मां गंगा की त्रासदी निरंकुश बढ़ती जा रही है।

गंगा महा बैठक

तारीख - 25 फरवरी 2023

समय- प्रातः 10 बजे से शाम 5 बजे तक

स्थान - इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट, भगवान दास रोड, विपरीत सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया, नई दिल्‍ली

दिल्ली में 25 फरवरी को एक दिवसीय बैठक इंडियन लॉ इंस्टिट्यूट, भगवानदास रोड, न्यू दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट के सामने,(समय- प्रातः 10 बजे से शाम 5 बजे तक) गंगा मां के संरक्षण पर आगे की सामूहिक सोच को बनाने के लिए आयोजित की गयी है। जोशीमठ त्रासदी के साथ-साथ अन्य जल विद्युत परियोजनाओं पर चर्चा करने का विचार है. इस बैठक का उद्देश्य  गंगा के संरक्षण के लिये कार्यरत लोगों को एक मंच पर लाकर आगे के कार्य पर चर्चा करना है। यह आमंत्रण उस ओर एक सहृदय कदम है। वर्तमान में सभी लोग अलग अलग अपने सामर्थ्यानुसार कार्य रहे हैं जिसका असर न्यून हो रहा है। 

अत: हम सब साथ मे चर्चा करें ताकि आगे की कानूनी, सरकारी पॉलिसी, हस्ताक्षर अभियान एवं दृढ़ जन आंदोलन को रूप दिया जा सके। 

मां गंगा पर आश्रित इकोलॉजी एवं जन समूह का बच पाना एक मूल प्रश्न है जिसका उत्तर ऐसा हो जिसमें मां गंगा के दैविक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, बौद्धिक, और वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं का सही मिश्रण, समीकरण और संतुलन हो जिनमें निम्न तीन पहलू भी सम्मिलित हो - 

  • क - कानूनी परिप्रेक्ष्य

  • ख - पॉलिसी गठन एवं उसके प्रभाव

  • ग - ऐसी मांग को चिन्हित करें जिससे की एक सकारात्मक सामूहिक प्रयत्न अग्रसर हो सके।

बैठक सोच विचार कर कार्य योजना तैयार करेगी ताकि एक अहिंसात्मक, शांतिपूर्ण, दैविक, सांस्कृतिक और बौद्धिक आंदोलन निर्मित हो सके जो कि सब गंगा भक्तों के एकाकी मांगो को सिद्ध कर सके।

मातृ सदन में लिए गए जनवरी 2019 का गंगा संकल्प सदा मार्गदर्शक रहा है और उस संकल्प की सिद्धि करने के हर प्रयत्न का मार्गदर्शक रहेगा।

गंगा पिपल ने 2019 और 2020 के राष्ट्रीय कॉन्क्लेव सहित 2021 में गंगा यात्रा के पहले चरण का शुभारंभ किया।

समय-समय पर हर किसी ने निजी स्तर पर गंगा मां की त्रासदी निवारण के लिए कदम उठाए परंतु अब समय आ गया है कि इन सब निजी प्रयत्नों को अगले स्तर पर ले जाया जाए जिसके लिए सबकी एकजुटता जरूरी है ताकि पॉलिसी दुष्प्रभाव से मां गंगा की बीज शक्ति का हो रहा धवंस रोका जा सके।

आपका मां गंगा के प्रति समर्पण हमें प्रेरित करता है कि हम आपको इस बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित करें ताकि एक ऐसे प्रयत्न का बीजारोपण हो सके जिसके ध्रुवीय केंद्र से मां गंगा की अविरलता और निर्मलता पुनः स्थापित हो सके।

आपके द्वारा सम्मिलित होने का सूचित किया जाना निवेदित है।

आयोजन समिति - 

  • पीएस शारदा, 9810077120

  • प्रहलाद गोयनका, 9831094640

  • भरत झुनझुनवाला, 8527829777

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