जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग और श्रीनगर में भी कई घरों में दरार देखने को मिली,(Pc -Indian express)
जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग और श्रीनगर में भी कई घरों में दरार देखने को मिली,(Pc -Indian express)

जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग और श्रीनगर में भी कई घरों में दरार देखने को मिली

जोशीमठ के बाद उससे 80 किलोमीटर दूर स्थित कर्णप्रयाग में भी कई घरों में दरार देखने को मिली है।  कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर इलाके में करीब 50 घरों में दरारें आने के बाद स्थानीय प्रशासन की और से मदद के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से संपर्क किया है। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों  में कई
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जोशीमठ के बाद उससे 80 किलोमीटर दूर स्थित कर्णप्रयाग में भी कई घरों में दरार देखने को मिली है।  कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर इलाके में करीब 50 घरों में दरारें आने के बाद स्थानीय प्रशासन की और से मदद के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से संपर्क किया है। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों  में कई छोटे भूस्खलन होने अंदेशा भी जताया जा रहा है पौड़ी जिले के श्रीनगर गढ़वाल क्षेत्र में भी तबाही के संकेत दिखाई दे रहे हैं, जहां श्रीनगर क्षेत्र के हाइडल कॉलोनी, नर्सरी रोड, आशीष विहार और स्वीट, दुगरीपंत और फरसू गांवों में मकानों में दरारें दिखाई देने लगी हैं। श्रीनगर क्षेत्र के निवासियों का मानना ​​है कि अंडरग्राउंड रेलवे लाइन को इसके लिए जिम्मेदार है  जोशीमठ की तरह  उनका शहर भी डूब रहा है। श्रीनगर के नीचे ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन बनाई जा रही है और नियंत्रित धमाकों के जरिए सुरंग बनाई जा रही है। वही जोशीमठ में कई परिवारों ने अपना घर छोड़ दिया है और अपने रिश्तेदारों के साथ दूसरे इलाकों में शरण ले ली है।

इस बीच जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली ने सोमवार को जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन को देखते हुए आपदा प्रबंधन से संबंधित बुलेटिन जारी किया. बुलेटिन के मुताबिक, जोशीमठ टाउन एरिया में कुल 678 इमारतों में दरारें देखी गई हैं।  सुरक्षा के मद्देनजर कुल 81 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है। जोशीमठ शहर के अंतर्गत 213 कमरों को अस्थाई रूप से रहने योग्य चिन्हित किया गया है, जिनकी क्षमता 1191 आंकी गई है, इसके साथ ही जोशीमठ क्षेत्र के बाहर पीपलकोटी में  2,205 क्षमता वाले 491 कमरे  चिन्हित किए गए हैं। 

वही प्रशासन की और से प्रभावित परिवारों को उनकी आवश्यकता के अनुसार भोजन किट और कंबल भी वितरित किया है साथ ही आवश्यक घरेलू सामानों के लिए प्रति परिवार 5000 रुपये की दर से धनराशि  की व्यवस्था की गई है।  जिसमें कुल 63 भोजन किट और 53 कंबल उपलब्ध कराए गए हैं।

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