मानसून में वन्यजीवों के लिये अधिक जानलेवा हो जाती हैं सड़कें

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बदलते मौसम के अनुसार विभिन्न आवासीय क्षेत्रों में अलग-अलग जीव समूहों की सड़कों पर मरने की आवृत्ति में अंतर पाया गया है। इससे पहले अन्य अध्ययनों में भी वन्य क्षेत्रों में सड़कों को स्थानीय आवास के नुकसान, जीवों की गतिविधियों में बाधक, मिट्टी के कटाव, भूस्खलन, जल-तंत्र सम्बन्धी बदलाव, आक्रामणकारी पौधों के प्रसार और प्रदूषण के लिये जिम्मेदार पाया गया है।

“वाहनों एवं पर्यटकों की बढ़ती आवाजाही, सड़कों का चौड़ीकरण, सड़कों के किनारे स्थानीय पौधों की प्रजातियों को हटाने और दीवार खड़ी करने से वन्यजीवों की गतिविधियाँ प्रभावित होती हैं। ऐसे क्षेत्रों के लिये सड़कों का डिजाइन कुछ इस तरह होना चाहिए, जिससे जीवों की गतिविधियाँ प्रभावित न हों और उन्हें मरने से बचाया जा सके। सड़कों पर विभिन्न जीवों के मरने की आवृत्ति और मौसम एवं आवास के आधार पर इसमें पायी जाने वाली विविधता से जुड़ी जानकारियाँ इस दिशा में कारगर हो सकती हैं।”
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