भूगर्भ जल यानी भूजल लगातार गिर रहा है
भूगर्भ जल यानी भूजल लगातार गिर रहा है

गर्मी से पूर्व ही 629 फीट नीचे पहुंचा हल्द्वानी का भूजल

हल्द्वानी का भूजल स्तर इस बार अप्रैल से पहले ही 629 फीट नीचे पहुंच गया है। अगर हम अब भी नहीं चेते तो आने वाले समय में पेयजल संकट एक गंभीर समस्या बनकर सामने आएगी।
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इस बार अप्रैल से पहले ही हल्द्वानी का भूजल स्तर 629.921 फीट नीचे पहुंच गया है। अगर हम अब भी नहीं चेते तो आने वाले समय में पेयजल संकट एक गंभीर समस्या बनकर सामने आएगी। होली में तो हमने खूब पानी बहा दिया, अब बूंद-बूंद सजोना पड़ेगा।

अमूमन अप्रैल में हल्द्वानी में भूजल स्तर कम होने की समस्या रहती है। इस बार मार्च में ही भूजल स्तर गिर गया है। जो हमारे लिए एक खतरे की घंटी है। 11 साल पहले तक हल्द्वानी का भूजल स्तर 490 फीट नीचे दर्ज किया गया था। बीते वर्ष हल्द्वानी का जलस्तर 580.709 फीट था। इस बार 49.212 फीट और नीचे पहुंच गया है। हल्द्वानी में पानी का जल स्तर 629.921 फीट (192 मीटर) नीचे दर्ज किया गया है। 

पेयजल निगम विश्व बैंक परियोजना की ओर से हल्द्वानी का भूजल स्तर नापने के लिए नलकूपों में सेंसर प्रणाली सिस्टम लगा दिया गया है। इसके माध्यम से कर्मचारी क्षेत्र के नलकूपों में कार्यालय में ही बैठकर ऑनलाइन भूजल स्तर का स्टेटस जान लेते हैं। पेयजल निगम की ओर से गौज़ाजाली, तल्ली हल्द्वानी व कुसुमखेड़ा क्षेत्र में नौ नलकूपों की आनलाइन निगरानी की जा रही है। स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूशन) सिस्टम से कर्मचारी कार्यालय से ही नलकूपों के चलने का समय, पानी के प्रेशर की जानकारी, नलकूपों के बंद होने का समय पता लगा लेते हैं। इंजीनियरों की मानें तो इस बार बीते वर्ष के मुकाबले 15 मीटर (49.212 फीट) नीचे पानी पहुंच गया है।

वहीं, गौला का जल प्रवाह 138 क्यूसेक हो गया है। एक हफ्ते पूर्व नदी का 145 क्यूसेक रहा था। सिंचाई विभाग के अवर अभियंता मनोज तिवारी ने बताया कि बारिश नहीं हुई तो जल प्रवाह में और कमी आएगी।

बीते वर्ष मानसून में बढ़ गया था भूजल स्तर  

बीते वर्ष 15 जून से सितंबर तक बरसात होने के बाद हल्द्वानी का भूजल स्तर ऊपर आ गया था। उस दौरान हल्द्वानी का भूजल स्तर 155 मीटर (508.53 फीट) ऊपर आ गया था। बीते वर्ष गर्मियों में भूजल स्तर 177 मीटर (580.709) रहा था। गर्मियां शुरू होते ही भूजल नीचे गिर जाता है। 

लालपुर नायक समेत चार गांवों में जल संकट

होली के दिन गांवों में पेयजल संकट रहा। आरटीओ रोड पर नलकूप खराब होने से लालपुर नायक, उदयलालपुर की कालोनियों में पेयजल संकट बना रहा। जबकि गौलापार के देवला तल्ला व कमलुवागांजा स्थित बोहरा कालोनी में पहले से ही नलकूप खराब चल रहा है। ऐसे में 10 हजार लोगों ने पेयजल संकट झेला।

गर्मियों में इस बार जल संस्थान के तो नलकूप खंड के सिंचाई ट्यूबवेल ज्यादा खराब होने में लगे हैं। आरटीओ रोड स्थित लालपुर नायक में एक मार्च को नलकूप खराब हो गया था। जिसके बाद 12 मार्च को नलकूप ठीक किया गया। लेकिन दो दिन चलने के बाद ही नलकूप फिर खराब हो गया। इससे क्षेत्र के साथ ही वहां मौजूद एक निजी कालेज व स्कूलों में भी पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

उपभोक्ताओं से लेकर किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन दिनों खेतों में गेहूं की फसल लहलहा रही है। लालपुर नायक, कमलुवागांजा की बोहरा कालोनी व गौलापार के देवला तल्ला गांव में भी किसानों को नलकूप खराब होने से दिक्कतें झेलनी पड़ रही है। सब्जियों के लिए टैंकर मंगाने पड़ रहे हैं।

उपभोक्ताओं के घर पानी में स्मार्ट मीटर लगा दिया गया है। पानी वह खर्च करेंगे, उतना ही बिल आएगा। साथ ही नलकूपों में भूजल स्तर नापने के लिए सेंसर लगा दिए हैं। इससे हमें हल्द्वानी के भूजल स्तर की स्थिति पता चल जाती है। बीते वर्ष के मुकाबले इस बार भूजल 15 मीटर नीचे पहुंच गया है। - वाईएस रावत, सहायक अभियंता, पेयजल निगम विश्व बैंक परियोजना।

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