मानवीय गतिविधियों के कारण जल प्रदूषण (Water pollution due to human activities)
जल प्रदूषण की चर्चा करते ही हमारे सामने बड़े-बड़े उद्योगों से निकलने वाले दूषित जल के दृश्य आ जाते हैं। हम जल प्रदूषण का अर्थ औद्योगिक जल प्रदूषण से ही लेते हैं। लेकिन उद्योगों के अतिरिक्त जल प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण मानवीय गतिविधियाँ हैं। यहाँ हम कुछ ऐसी मानवीय गतिविधियों की चर्चा करें जिनसे जल प्रदूषण होता है।
1. घरेलू दूषित जल :-
दूषित जल में पनपने वाले जीवाणुओं/विषाणुओं से होने वाले रोग | |
रोग | उत्पादक जीव |
टाईफाइड | सलमोनेला टाइफी |
हैजा | विब्रियो कोलेरा |
जीवाणु दस्त | सिगेला एसपीपी |
लेप्टोसपाइरोसिस | लेप्टोस्पैरा |
विषाणुसंक्रमण हेपिटाइटस | हेपाटाइटिस विषाणु |
प्रोटोजोओअमीबा-पेचिस | एंटामोबाहिस्टोलिटिका |
पेचिस | गियार्डिया |
हेलमिंथिसबिलहर्जिया | सिस्टोमोसा एसपीपी |
गुइनिया कीट | ड्रेकुनकुलुस मेडिनंसिस |
2. जलस्रोतों का निस्तारी की तरह उपयोग :-
3. जलस्रोतों में मूर्तियों एवं अन्य सामग्रियों के विसर्जन से :-
4. कीटनाशक एवं फर्टिलाइजर से :-
5. घरेलू ठोस अपशिष्ट से :-
6. नदी तट पर मेलों आदि के आयोजन से :-
जल प्रदूषण (इस पुस्तक के अन्य अध्यायों को पढ़ने के लिये कृपया आलेख के लिंक पर क्लिक करें।) | |
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8 | परिशिष्ट : भारत की पर्यावरण नीतियाँ और कानून (India's Environmental Policies and Laws in Hindi) |
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