ऐसे साफ हुई सबसे ज्यादा प्रदूषित नदियाँ

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भारत में गंगा-यमुना सहित नदियों की सफाई पर कई वर्षों में करोड़ों रुपए खर्च किये गए लेकिन नतीजा डाक के तीन पात रहा। नदियाँ साफ होने के बजाय और गन्दी व प्रदूषित हो गई। यहाँ तक कि एक बड़ा वर्ग यह कहने लगा है कि इन नदियों की सफाई सम्भव नहीं है। लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति और जनभागीदारी हो तो इन नदियों की सफाई सम्भव है। विश्व में इसकी कई मिसाल हैं।

हम नदी को साफ करके इसे प्राकृतिक स्थिति में पहुँचाना चाहते हैं, ताकि यहाँ फिर से मछलियाँ, पौधे और जानवर रह सकें।
नदी सफाई की मिसाल : टेम्स नदी

पानी सफाई की प्रक्रिया

‘पानी को दो चरणों में साफ किया जा रहा है। पहले मैकेनिकल प्रक्रिया से और फिर जैविक ढंग से। पहले ठोस गन्दगी निकाली जाती है और फिर पानी में घुली मिली दूसरी चीजों को निकाला जाता है।’
‘‘साढ़े चार अरब की रकम बहुत बड़ी लगती है। लेकिन यह काम लगभग 30 साल में पूरा किया जा रहा है। इसे 1990 के दशक में शुरू किया और और 2017-18 तक इसकी हर बूँद साफ करने की योजना है। हमारा उद्देश्य है कि 2020 तक इसे पारिस्थितिकी के साथ मिला कर काम पूरा कर दिया जाये।’’

दुनिया की पाँच सबसे स्वच्छ नदियाँ

टेम्स नदी, लंदन :
तारा (ड्रिना) नदी, मोंटेनेग्रो और बोस्रिया :
सेंट क्रोइक्स नदी, अमेरिका :
टॉर्न नदी, स्वीडन :
ली नदी, गुआंग्जी, चीन :
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