गोमती नदी
गोमती नदी

गोमती नदी में हो रहे प्रदूषण पर एनजीटी में दाखिल की गई रिपोर्ट

Published on
2 min read

गोमती नदी। फोटो - Irrigation and water resource dept. (UP)

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने गोमती नदी में हो रहे प्रदूषण पर एक नई रिपोर्ट प्रस्तुत की है| जिसे एनजीटी के आदेश पर जारी किया गया है| इस रिपोर्ट के अनुसार सीपीसीबी ने सीतापुर से लेकर कैथी गांव तक गोमती नदी में कई प्रदूषित स्थानों की पहचान की है| यह स्थान उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में स्थित हैं| जोकि गोमती और गंगा नदी का संगम स्थल भी है|

इस रिपोर्ट को 11 जून को एनजीटी की वेबसाइट पर डाला गया है| जिसके अनुसार इस नदी का करीब 628 किलोमीटर में फैला क्षेत्र प्रदूषित हो चुका है| गौरतलब है कि इस रिपोर्ट का मकसद नदी में प्रदूषित क्षेत्रों की पहचान और उसे रोकने के उपाय करना है|

इस रिपोर्ट को 28 नवंबर, 2019 को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और शहरी विकास विभाग द्वारा प्रस्तुत किया गया था| जिसके बाद उत्तर प्रदेश के सचिव ने इस पर संज्ञान लेते हुए शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिया कि वो गोमती नदी में हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए तुरंत जरुरी कार्रवाही करे| 

जिसेक अंतर्गत गोरखपुर में गोमती नदी और रामगढ़ ताल में गिरने वाले तमाम नालों का जैविक तरीके से शोधन करना शामिल था| इसके साथ ही सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों (एसटीपी) की स्थापना के लिए भी समय सीमा तय करने का निर्देश दिया गया| जिससे प्रदूषण की सही समय पर रोकथाम की जा सके और समय-समय पर उसकी समीक्षा भी की जा सके|

रिपोर्ट में इस बात की भी जानकर दी गई है कि इस कार्य योजना पर काम चल रहा है| समय-समय पर जिसकी निगरानी उत्तर प्रदेश की नदी कायाकल्प समिति द्वारा की जा रही है| इसके साथ ही पीलीभीत से वाराणसी तक 25 स्थानों पर नदी जल गुणवत्ता की भी नियमित रूप से निगरानी की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार कई स्थानों पर पानी की गुणवत्ता में सुधार भी आ रहा है| अप्रैल से जून 2019 के बीच 11 में से सात स्थानों पर प्रदूषण के स्तर में कमी दर्ज की गई है|

संबंधित कहानियां

No stories found.
India Water Portal - Hindi
hindi.indiawaterportal.org