गोमती के अस्तित्व के लिए अपरिहार्य कार्रवाई ,Pc-wikipedia
गोमती के अस्तित्व के लिए अपरिहार्य कार्रवाई ,Pc-wikipedia

पीलीभीत के राजस्व अभिलेखों से 'गायब' गोमती

उद्‌गम स्थल माधोटांडा से निकलकर कई गांवों के अभिलेखों में विलुप्त हुई पौराणिक नदी। गंगा समिति की बैठक में मुद्दा उठने के बाद प्रशासन ने लिया संज्ञान। जिलाधिकारी ने सभी गांवों के राजस्व रिकॉर्ड की पड़ताल शुरू कराई। अमृत विचार दैनिक ने प्रमुखता से उठाया मुद्दा।
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पीलीभीत जनपद के इन 16 ग्राम पंचायतों से गुजरती है गोमती नदी, वे गांव हैं, माधोटांडा, हरिपुर फुलहर, नवदिया धनेश, देवीपुर, सबलपुर म० रम्पुरा फकीरे, रम्पुरा फकीरे, उदयकरनपुर, शेरपुर मकरंदपुर, कल्याणपुर, शहबाजपुर, गोपालपुर, अजीतपुर विल्हा, टांडा, सुंदरपुर, सिकरहना एवं पिपरिया मझरा।

अवध नगरी को अपनी हिलोरों का पावन स्पर्श न. कराने वाली गोमती नदी अपने उद्गमित जनपद में ही उपेक्षित है। बताते हैं कि जनपद में दो तहसील क्षेत्रों से होकर बहने वाली यह पौराणिक नदी कई स्थानों पर राजस्व रिकॉर्ड से ही गायब है। फिलहाल मामला जिला गंगा समिति में उठने के बाद अब जिला प्रशासन ने इस मामले में कमेटी गठित कर जांच कराने का निर्णय लिया है।

प्रदेश में 960 किलोमीटर लंबा सफर करने वाली पौराणिक गोमती । नदी का उद्गम स्थल जनपद के माधोटांडा के समीप स्थित है। प्राकृतिक जल स्रोतों पर आधारित इस उद्गम स्थल के संबंध में तमाम तरह की लोकगाथाएँ हैं। यह दीगर बात है कि तमाम प्रयासों के बावजूद जनपद में गोमती नदी आज भी कहीं झील तो कहीं महज लकीर के रूप में नजर आती है। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा नदियों के पुनरुद्धार संबंधी आदेशों के बाद संरक्षण की बांट जोह रहे गोमती उद्गम स्थल को भी संजीवनी मिली। गोमती उद्गम स्थल के पुनरुद्धार की कवायद वर्ष 2018 में तत्कालीन डीएम शीतल वर्मा ने शुरू की थी। हालांकि कुछ दिन बाद ही उनका स्थानांतरण हो गया। उसके बाद तत्कालीन डीएम अखिलेश मिश्र के कार्यकाल के दौरान यहां ट्रस्ट बनाने के साथ कुछ कार्य कराए गए। वर्ष 2020 में तत्कालीन डीएम पुलकित खरे ने गोमती उद्गम स्थल के पुनरुद्धार में खासी दिलचस्पी ली। उन्होंने उद्गम स्थल से लेकर शाहजहांपुर जनपद के बॉर्डर तक पैदल यात्रा कर ग्राम पंचायतों एवं श्रमदान के माध्यम से नदी की खुदाई करवाई थी। इन प्रयासों के बाद नदी अब कुछ अपने स्वरूप में देखने को मिल रही है।

पौराणिक गोमती नदी जनपद कलीनगर एवं पूरनपुर तहसील की 16 ग्राम पंचायतों से गुजरती हैं। इसमें कलीनगर तहसील क्षेत्र के 7 गांव और पूरनपुर तहसील के 28 गांव शामिल हैं, जहां से गोमती नदी गुजरती है। जनपद में गोमती नदी का बहाव क्षेत्र 47.2 किमी है और बंडा के गांव मानपुर के पास गोमती नदी पड़ोसी जनपद शाहजहांपुर में प्रवेश करती है। इधर नदी की अविरल धारा बहाने के चल रहे प्रयासों के बीच एक मामला सामने आया है। बताते हैं कि पूरनपुर और कलीनगर तहसील क्षेत्र के कुछ गांवों में गोमती नदी के नाम से राजस्व अभिलेखों में कोई जमीन ही दर्ज नहीं है। गोमती की जमीन चकबंदी के दौरान खुर्दबुर्द होने की बात सामने आ रही है। 

डीएम की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई जिला गंगा समिति की बैठक में यह मामला नामित सदस्य निर्भय सिंह ने उठाया है। उन्होंने डीएम से नदी के प्रवाह क्षेत्र की भूमि का चिन्हीकरण कराकर राजस्व अभिलेखों में अंकित करवाने की मांग की है। वहीं डीएम संजय कुमार सिंह ने भी मामले को खासा गंभीरता से लिया है। उन्होंने जांच कमेटी गठित कर जांच करने के निर्देश दिए हैं। 

समिति के नामित सदस्य निर्भय सिंह का कहना है कि यदि चकबंदी के पूर्व के अभिलेख निकलवाए जाएं तो नदी की जमीन का पूरा विवरण मिल सकता है।

गोमती नदी से संबंधित मामला संज्ञान में आया है। सभी राजस्व गांवों के रिकॉर्ड की पड़ताल कराई जाएगी, ऐसा किन कारणों से हुआ है, इसको लेकर कमेटी गठित कर जांच कराई जाएगी। - संजय कुमार सिंह, जिलाधिकारी

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