लखनऊ के आगे नहीं मिलते कछुए

Published on
2 min read

लखनऊ, सुल्तानपुर और जौनपुर जैसे शहरों ने गोमती को जलीय जीवों के लायक नहीं छोड़ा, गोमत ताल के आगे नहीं दिखते कछुए

भारतीय प्राचीन ग्रंथों में आदि गंगा गोमती को कच्छप वाहिन कहा जाता है। ऐसा इसलिए कि कभी यह नदी कछुओं का प्राकृतिक निवास हुआ करती थी लेकिन अब गोमत ताल से आगे गोमा मैया का यह वाहन इंसानों के जरिए तैयार किए गए स्पीड ब्रेकर से टकरा कर लंगड़ाने और दम तोड़ने लग जाता है।

गोमत ताल में आज भी कछुए इतने अधिक हैं कि जरा सा लाई दाना डालिए कि ये सिर उठाकर भागते चले आते हैं। लेकिन अब यह जलीय जीव गोमत ताल से आगे कहीं-कहीं दिखता है। गोमती गंगा यात्रा अध्ययन दल का नेतृत्व कर रहे बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर युनिवर्सिटी के डॉ. वेकटेश कहते हैं कि गोमती नदी का अविरल प्रवाह सुनिश्चित कर यदि आज भी प्रयास शुरू कर दिए जाएं तो कछुओं को बचाया जा सकता है। डॉ. वेंकटेशश के मुताबिक कछुए जैव विविधता बनाए रखने में काफी सहायक होते हैं। जरूरत गोमती को इको फ्रेजाइल जोन घोषित कर यहां कछुओं का संरक्षण करने की है। लेकिन खास तौर पर लखनऊ सुल्तानपुर और जौनपुर में नदी के प्रवाह को बाधित कर और इसे शहरी कूड़ा निस्तारण का केंद्र बना देने से कुओं की जिंदगी संकट में डाल दी गई है। जौनपुर के बाद सई गोमती मिलन स्थल जलालपुर में पानी काफी दूषित है लेकिन यहां बालू की अधिकता के कारण कछुओं का जीवन और प्रजनन काफी हद तक सुनिश्चित किया जा सकता है। गोमती में कछुओं के साथ ही विभिन्न प्रजातियों की मछलियां भी काफी मात्रा में हैं। डॉ. वेंकटेश के मुताबिक उम्मीद अभी बाकी है। माधौ टाण्डा (पीलीभीत) से नदी के गंगा मिलन के बीच नैसर्गिक प्रवाह अब भी है। गोमती में लखनऊ के बाद हैदरगढ़ से ब्रायोफाइट्स की कई प्रजातियाँ वाटर लिली, जलकुम्भी व कई अन्य जलीय वनस्पतियां हैं जो जलीय जीवों के लिए फायदेमंद हैं। इन पौधों से मछलियों और कछुओं को भोजन और प्रवास मिलता है। जलीय जीव की उपस्थिति पारिस्थितिकी संतुलन के लिए बेहद जरूरी है। यह एक फूड चेन बनाते हैं। इनके जीवन के लिए ऑक्सीजन, साफ पानी, खाने के लिए छोटी मछलियाँ, प्रवाह और साफ पानी में रहने वाले कीड़े चाहिए होते हैं।

गोमती में यहां हुए जैव विविधता के दर्शन

स्थान

जिले

जलीय जीव

गोमत ताल (फुल्हर झील)

माधौ टाण्डा (पीलीभीत)

कछुआ, मछली

एकोत्तर नाथ

पीलीभीत

मछलियाँ, कछुआ, मगरमच्छ

सोनासिरनाथ कुण्ड

शाहजहाँपुर

छोटी मछलियां, कछुआ, मगरमच्छ, जलीय पौधे

झुकना-गमती मिलन बिंदु

शाहजहाँपुर

मछलियाँ जलीय पौधे

पुवायाँ

लखीमपुर खीरी

मछलियां

भैंसी-गोमती

लखीमपुर

भूरिया, राठ सहित कई जलीय पौधे

रवींद्रनगर

(मोहम्दी खीरी)

कुसी, लपकी, घेंट, खजूरा, रोहू मछली और केकड़ा

मढ़ियाघाट

मैगलगंज

रोहू, बाम खजूरा, गंठ, गरेई, चायनर, ब्रिगेड मछली और कछुआ

नैमिष

सीतापुर

छोटी मछलियाँ

तिरमोहनी राजेपुर

जौनपुर

रोहू, कतला, सेंगरा, अमेरिकन रोहू, कवई मछली

संबंधित कहानियां

No stories found.
India Water Portal - Hindi
hindi.indiawaterportal.org