नदी जोड़ पर चाल और सवाल

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कृष्णा और गोदावरी के मिलन के साथ ही नदी जोड़ परियोजना एक बार फिर से सुर्खियों में है। अनुमान है कि आन्ध्र प्रदेश की इन नदियों के जुड़ने से तकरीबन साढ़े तीन लाख एकड़ भू-क्षेत्र को फायदा होगा और अन्य नदियों को आपस में जोड़ने के काम को भी गति मिलेगी। इस मिलन को कृष्णा डेल्टा के किसानों के लिये वरदान भी बताया जा रहा है। दूसरी तरफ, मध्य प्रदेश में नर्मदा और क्षिप्रा को जोड़ने के बाद अब केन और बेतवा को मिलाने के लिये प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।

नदियों को आपस में नहीं, लोगों को नदियों से जोड़ो- राजेन्द्र सिंह

सरकार की चाल सुस्त है पर नदी जोड़ परियोजना बढ़ तो रही है, विरोध का कोई असर होता तो नहीं दिख रहा?

फिर बाढ़ और सूखे की समस्या से निपटने का क्या विकल्प दिखता है?

नदियाँ लगातार प्रदूषित होती जा रही हैं। सरकारें करोड़ों रुपया बहा रही हैं, पर सब बेकार है। इसका क्या हल है?
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