प्रतिकात्मक, एक तालाब के हालात, फोटो साभार- झांसी फोटोज
प्रतिकात्मक, एक तालाब के हालात, फोटो साभार- झांसी फोटोज

नोएडा में तालाबों पर अतिक्रमण की मार, ढूंढे भी नहीं मिल रहे तालाब

नोएडा के 1018 तालाबों में से 105 अतिक्रमण की भेंट चढ़े, प्रशासन की खोजबीन जारी। जल संकट के बीच तालाबों को बचाने की जद्दोजहद।
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नोएडा की तीनों तहसीलों में 1018 तालाबों में से 105 अतिक्रमण व इमारतों के नीचे दब गए

नोएडाः विश्व जल दिवस 22 मार्च को था। देश के कई हिस्सों की तरह यूपी के जिले भी जल संकट का सामना कर रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर में तालाब अतिक्रमण और विकास की भेंट चढ़ चुके हैं। जो अस्तित्व में हैं उनमें गंदा पानी भरा जा रहा है। तालाबों को बचाने की जद्दोजहद के बीच 105 तालाब ढूंढने पर भी नहीं मिल रहे हैं। इन तालाबों की जगह पर अतिक्रमण कर घर और इमारत बनाई जा चुकीं हैं। इनको अतिक्रमण मुक्त करना प्रशासन के सामने गंभीर चुनौती है। 

बता दें नोएडा-ग्रेटर नोएडा में कुल 1018 तालाब हैं। यह आंकड़े प्रशासन के दर्ज दस्तावेजों के अनुसार हैं। एक-एक कर इनमें से 200 से अधिक तालाब गुम हो गए, जो बचे थे, वह भी पूरी तरह से अस्तित्व में नहीं बचे। जागरूक लोगों ने पहल की तो प्रशासन ने गुम और

अतिक्रमणयुक्त तालाबों की खोजबीन की। तमाम प्रयासों के बाद भी गौतमबुद्ध नगर के करीब 105 तालाबों पर लोग घर और इमारतें बना चुके हैं। ऐसे में इनको अतिक्रमण मुक्त कराना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है।

सदर और जेवर में बेहिसाब हुआ अतिक्रमणः 

सदर तहसील में 245 तालाब हैं। इनमें से करीब 49 पर कब्जा है। जेवर तहसील में 293 तालाब में से 29 पर अतिक्रमण होने से उपयोग में नहीं हैं। वहीं दादरी में 480 तालाबों में से 27 अतिक्रमण की वजह से गुम हो चुके हैं। सैकड़ों तालाबों के जीर्णोद्धार का दावा प्रशासन की ओर से सदर तहसील में 245, दादरी में 453 और जेवर में 264 तालाबों का जीर्णोद्धार कर पुनर्जीवित करने का दावा किया गया है। लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति बिल्कुल उलट है।

हार्वेस्टिंग पिट हो गए बंदः 

शहर के ग्रीन एरिया और पार्कों में वाटर हार्वेस्टिंग पिट बनाए गए हैं। यह कितने उपयोगी है किसी से छिपे नहीं हैं। पिट पूरी तरह से बंद हो गए हैं, इनको ठीक नहीं कराया गया। व्यवस्था से ज्यादा यह अव्यवस्था के शिकार हो चुके हैं। मानसून के दौरान लाखों लीटर पानी सड़कों से होकर नालों में बह जाता है।

एनजीटी में पहुंचा तो अस्तित्व में आए तालाबः 

गुम हुए तालाबों को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में एक व्यक्ति ने याचिका दायर की। एनजीटी की फटकार के बाद गुम हुए तालाबों को खोजा गया। इसके बाद सैकड़ों तालाब एक बार फिर अस्तित्व में आए।

सड़क किनारे कुएं बुझाते थे, लोगों की प्यास

गौतमबुद्ध नगर में करीब 400 गांव हैं। शहर विकसित होने से पहले हर गांव और इनको जोड़ने वाले मार्गों पर कुएं जरूर होते थे। अब सड़क किनारे तो क्या जिले में कुएं नजर आना ही दुर्लभ हो गए हैं। संकरी सड़कें चौड़ी हुई तो कुएं इन सड़कों में समा गए। गांव के अलग-अलग मोहल्लों में बने कुओं की जगह अब हर घर में लगे बोरवेल ने ली है। लगातार हो रहे जलदोहन से जलस्तर गिर रहा है।

जिन तालाबों में घर और इमारत बने हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। उनको हटने में समय लग सकता है। विकल्प के तौर पर तालाबों की जितनी भूमि पर अतिक्रमण है, उसकी 1.25 प्रतिशत भूमि तालाब बनाने के लिए चिह्नित कर ली गई है। यहां पर तालाब बनेंगे और कुछ जगह बन भी चुके हैं।  - मनीष कुमार वर्मा, डीएम

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