सूखे तालाबों में उड़ेला अमृत
अमृत सरोवर के शहर अमृतसर के जगमोहन सिंह गिल ने सूखे तालाबों में ‘अमृत’ उड़ेल उन्हें नया जीवन दिया है। उनके ‘भागीरथ’ प्रयास से अमृतसर, तरनतारन व गुरदासपुर के 30 ऐतिहासिक तालाब पुनर्जीवित हो गए हैं। बोपारायकलां में शेर-ए-पंजाब महाराजा रंजीत सिंह द्वारा बनाए गए ढाई सौ साल पुराना तालाब भी लबालब हो चुका है। जल संरक्षण की दिशा में 14 साल से जुटे जगमोहन के इस प्रयास ने उन्हें जल का ‘मोहन’ बना दिया है। उनके इस प्रयास से तालाब ही नहीं विरासत भी जिंदा हो उठी है।
पवन गुरु, पानी पिता, माता धरती। पानी को पिता बताने वाले गुरु साहिबान की इस वाणी के मूल को लोग अब समझ चुके हैं। सूख चुके 30 तालाब के पुनर्जीवित होने से हजारों लोगों को लाभ हुआ है। उनकी सोच बदली है। जल की महत्ता को समझ चुके हैं। ये तालाब अब उनके लिये पूजनीय हो गए हैं। गाँव के लोग दूसरों को भी जल संरक्षण के लिये प्रेरित करने लगे हैं।