उद्गम स्थल पर ही मैली हो रही रिस्पना
मसूरी: रिस्पना नदी के उद्गम स्थल में क्षेत्र के कई बड़े होटलों और स्कूलों ने अपना सीवर डाल दिया है। जिससे रिस्पना को पुनर्जीवित करने का प्रयास प्रभावित हो रहा है। पिछले साल मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रिस्पना से ऋषि पर्णा अभियान के तहत रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने का प्रयास शुरू किया था।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार की ओर से रिस्पना से ऋषिपर्णा अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिये नदी के उद्गम स्थल शिखर फॉल से लेकर संगम स्थल मोथरोवाला तक 39 सेक्टर बनाए गए हैं। गत वर्ष 19 मई को अभियान के प्रथम चरण की शुरुआत हुई थी। जिसे मिशन रिस्पना का नाम दिया गया। लेकिन, अब भी मसूरी स्थित नदी के उद्गम स्थल शिखर फॉल (मेसी फॉल) में ही बड़े होटल और स्कूल अपनी गन्दगी डाल रहे हैं। इनकी सीवर लाइन नदी में डाल दी गई है, जिससे नदी दूषित हो रही है। एनजीटी ने होटलों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के आदेश भी दिए हुए हैं, लेकिन अधिकतर होटलों ने एसटीपी नहीं लगाए है। जिन होटलों में एसटीपी लगा हुआ है, उनका भी सीवर चोरी छिपे नदी नालों में बहाया जा रहा है।
इस सम्बन्ध में पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने बताया कि बार्लोगंज के कई बड़े होटलों और स्कूलों समेत लंढौर राजमंडी क्षेत्र का अधिकतर सीवर मेसी फॉल में ही जा रहा है। जिससे क्षेत्र के जल-स्रोत भी दूषित हो रहे हैं।
रिस्पना से ऋषिपर्णा अभियान
आठ जुलाई 2018 को स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रिस्पना से ऋषिपर्णा का सपना पूरा करने के लिये मसूरी के कैरवान गाँव में फावड़ा तक चलाया और गड्ढा खोदकर एक पौधा रोपा था। उन्होंने मेसी फॉल का भी जायजा लिया था। जन सहभागिता से एक दिन में ही ढाई लाख से अधिक पौधे रोपे गए थे। उसके बाद 22 जुलाई को कई लाख पौधे लगाए। अभियान के प्रथम चरण में विभिन्न शिक्षण संस्थानों, गैर सरकारी संगठन, एनजीओ, केन्द्रीय संस्थानों, सेना, पैरामिलिट्री फोर्स के जवान व विभिन्न विभागों के कर्मचारियों और 416 स्कूलों के करीब डेढ़ लाख बच्चों ने पौधे रोपे थे।
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