गर्मियों से पहले ही ग्रामीण क्षेत्रों में गहराने लगा जलसंकट
जनपद प्रयागराज के अंतर्गत आने वाले तहसील मेजा के लापर क्षेत्र के रहने वाले लोगों को पीने का पानी का संकट और भी गहरा गया है अगर बात करे नई बस्ती ,बर, संइता, दरी ,सुकाट ,बईया, बसहारा, धरावल आदि गांव की तो ग्रामीणों ने बताया की वैसे तो यहाँ साल के 12 महीने पानी का संकट रहता है लेकिन मई-जून में और भी संकट गहरा जाता है बईया और संहिता के ग्रामीणों ने बताया कि सैकड़ों की आबादी वाले इन गाँव में सिर्फ में एक ही छोटी सी पानी की टंकी है लेकिन बिजली जाने के बाद ग्रामीणों को दूर पानी के लिए जाना पड़ता है कुछ इसी तरह के बात मूसहर बिरादरी के लोगों ने भी बताई। उनका कहना है कि इस बस्ती में एक ही हैंडपंप है लेकिन वह भी खराब है प्रधान से कई बार इसे ठीक कराने के लिए कहा गया लेकिन प्रधान है की सुनने को तैयार ही नहीं है।
बता दें सरकार एक तरफ तालाब ,नदी , जल स्रोतों को बचाने के लिए कार्य कर रही है तो दूसरी तरफ प्रयागराज जिले में भूजल के अति दोहन से जल स्तर लगातार हर साल नीचे जा रहे है सरकार की जल जीवन मिशन योजना की जिले में क्या स्तिथि है इस सिलसिले में जिला अधिकारी संजय खत्री ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि जिले में जितनी भी पुरानी टंकिया बनी है उन सभी के मरम्मत की जाएगी और बताया कि जनपद में 847 ग्राम पंचायत में जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकिया पेयजल योजना के तहत लागू की जा रही है और 12 जगह हम लोगों ने सप्लाई शुरू कर दी है बाकि जगह तेज़ रफ़्तार के साथ हमारे 2000 श्रमिक काम कर रहे हैं बहुत जल्द हम लोग जल जीवन मिशन के तहत इस योजना से सभी गाँव में पानी पंहुचा सकेंगे।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है की 26% आबादी दुनिया की साफ पेयजल से दूर है ग्लोबल कमिशन ऑन द इकोनॉमिक्स ऑफ वाटर जीसीई डब्ल्यू की रिपोर्ट ने दावा किया गया है कि इस दशक के अंत तक दुनियाभर में ताजे पानी की आपूर्ति की मांग 40% तक बढ़ जाएगी आपको बता दें कि भारत में जल आपूर्ति की उपलब्धता 1197 बिलियन क्यूबिक मीटर बीसीएम के बीच है 2010 के मुकाबले 2050 तक पानी की मांग दोगुना होने की उम्मीद है रिपोर्ट के मुताबिक पानी की कमी और बढ़ती गर्मी से 16% खाद्यान्न आपूर्ति घट जाएगी वही एक चौकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है जिसमे दवा किया गया है कि दुनिया भर में सूखा 1% की दर से हर साल बढ़ रहा है।