जम्मू व कश्मीर में जल आपूर्ति सेवा प्रदायगी का विकेन्द्रीकरण | Decentralization of water supply service delivery in Jammu and Kashmir
जम्मू के राजौरी जिले के सुंदरबनी की ऊपरी कांगड़ी की महिला सरपंच रुक्मेश कुमारी अपने चेहरे पर हल्की मुस्कान के साथ कहती हैं, " मैंने घुसपैठ और गोलाबारी की आवाज़ के साथ जीना सीख लिया है। उनका कड़ा और रचा-बसाया एक सभ्य जीवन की तलाश में उनके गाँव द्वारा सामना किए जा रहे संघर्षों का प्रमाण है। सीमा के आसपास के गांवों को बुनियादी ढांचे और सेवाओं से संबंधित समस्याओं की अति रक्त-प्रवाह से त्रस्त किया गया है। इस क्षेत्र में जल आपूर्ति एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
दूर-दराज बस्तियों वाले ग्राम कांगड़ी, 1,500 घरों के साथ पहाड़ी पुल के रास्ते के जरिए खराब सड़कों से जुड़ा हुआ है। घने जंगल से आच्छादित और बिखरी हुई आबादी वाला यह गांव नोशेरा सेक्टर में एलओसी से केवल 5 किमी दूर है। वर्षों से, स्थानीय निवासी अपनी दैनिक जल की जरूरतों के लिए दूर स्थानों पर अवस्थित स्थानीय झरनों और तालाब पर निर्भर थे। ग्रामवासियों ने दूर के इलाकों से पानी लाने के लिए घोड़ों का इस्तेमाल किया।
चूंकि, गर्मियों में स्थानीय झरनों और तालाबों में पानी का प्रवाह कम हो जाता है, अतः ग्रामवासी पानी की तलाश में संघर्ष करते रहते हैं।
जबकि बरसात के मौसम में इन स्रोतों पर पानी की मात्रा बढ़ जाती है, लेकिन जलधारा नदियों और नालों से सतह के पानी से प्रदूषित हो जाती है, जिससे जल-जनित रोग बढ़ जाते हैं। मार्च, 2020 में अंभखोरी में शुरू की गई जलापूर्ति योजना को इस तरह की बुनियादी सेवा की कमी के कारण किए जाने वाले कड़े श्रम को समाप्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। सभी घरों में नल कनेक्शन पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन के तहत रेट्रोफिटिंग का काम शुरू किया गया। जल जीवन मिशन का लक्ष्य वर्ष 2024 तक भारत के सभी ग्रामीण परिवारों को कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करना है, जबकि जम्मू और कश्मीर ने राष्ट्रीय लक्ष्य से वर्ष 2022 तक इस कार्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध किया है।
सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से कार्यशील नल कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना है। जम्मू व कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989 के हालिया संशोधन द्वारा स्थानीय निकायों को लोगों-जिला विकास परिषद, हलका पंचायत और ब्लॉक विकास परिषद दद्वारा सीधे निर्वाचित एक त्रिस्तरीय संरचना के साथ मजबूती प्रदान की गई है। ये निकाय जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में सहायता करेंगे। पानी समितियों के क्षमता निर्माण के लिए कार्यान्वयन सहायता एजेंसियां नियोजित की जा रही हैं ताकि समुदायों को केंद्र शासित प्रदेश के यूटी पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग से तकनीकी सहायता के साथ- साथ उनके जल आपूर्ति प्रणालियों की योजना, कार्यान्वयन, प्रचालन व रखरखाव करने का अधिकार हो।