लंका की पहाड़ियों से मिर्जापुर में जल संकट गहराया

उत्तर प्रदेश के जनपद मिर्जापुर को लंका पहाड़ी कहा जाता हैं इसकी पौराणिक मान्यता हैं की जब संजीवनी बूटी लेकर हनुमान जी जा रहे तो तो उसके एक भाग यहाँ गिरा था इसलिए इस पहाड़ को लंका पहाड़ी के नाम से जाना जाता हैं सबसे बड़ी बात इसमें ये हैं की अंग्रेज़ों द्वारा यहाँ करीब 115 साल पहले पानी के सरक्षण के लिए एक पानी की टंकी का निर्माण किया गया था बिना किसी खर्च और लागत के ये टंकी मिर्ज़ापुर जिले के आधे शहर के करीब एक लाख की आबादी को पीने का पानी मुहैया कराती हैं और ये पानी करीब 15 किलोमीटर दूर से एक टांडा फाल  के जरिये आता हैं बरसात के 4महीने के दौरान टांडा फ़ौल के जरिये ये पानी लगातार इस टैंक मैं सरक्षित होता हैं और उसके बाद इसी टैंक के माध्यम से वो पानी फ़िल्टर किया जाता हैं तब जाकर वो पानी आधे शहर को सप्लाई किया जाता हैं ये अपने आप मैं बड़ी बात हैं की 4 महीने बरसात मे एकत्रित किया गया पानी पूरी साल भर लोगो के काम आता हैं टैंक की देख रेख कर रही चौकीदार बताते हैं की पिछले बार बरसात कम होने के कारण पानी कम एकत्रित हो पाया जिसकी वजह से इस बार बरसात  शुरू होने से पहले ही पानी की किल्लत हो रही हैं एक और कारण पानी जल्दी ख़त्म का वो बताती हैं की जगह जगह से पानी की टंकी मैं लीकेज हो रही हैं और इसकी सही ढंग से मरम्मत नहीं हो पा रही हैं अंतराष्ट्रीय रिपोर्ट बताती हैं की भारत दुनिया के उन देशो मैं शामिल हैं जो जल संकट से सबसे ज्यादा जूझ रहा हैं

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