प्राकृतिक कृषि के लिए अथक प्रयास का नाम है ‘लोकभारती’
लोकभारती ने पिछले डेढ़ दशक से गौ आधारित प्राकृतिक कृषि के जनक कृषि ऋषि सुभाष पालेकर जी के आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के साथ मिलकर पूरे देश में व्यापक एवं प्रभावी कार्य किया है।
जहरमुक्त खेती
लोकभारती पिछले ढाई दशक से ग्राम विकास और रसायन उर्वरक एवं रासायनिक कीटनाशक से मुक्ति के लिए कार्य कर रही है। 2001 के आसपास जब कृषि वैज्ञानिकों से रसायन मुक्त खेती की बात करते थे, तो वे विकल्प के रूप में जैविक खेती की बात करते थे, जिसके अंतर्गत कंपोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, नाडेप कंपोस्ट, सीपीपी, सींग की खाद के साथ हरीखाद प्रयोग में आती थी। अतः लोकभारती ने भी उस कालखंड से सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में उपरोक्त विधियों के प्रति जागरूकता, प्रशिक्षण और विकास पर कार्य करना प्रारम्भ किया जो 2010 तक चला।
एनपीके से मुक्ति
परन्तु लोकभारती उपरोक्त पद्धतियों से संतुष्ट नहीं थी। इसका कारण यह है कि कृषि वैज्ञानिकों की दृष्टि उपरोक्त सभी विधियों में एनपीके से बंधी रहती। अर्थात उपरोक्त प्रत्येक पद्धति में वे एनपीके की मात्रा को ही दृष्टि में रखकर विचार करते। इस विधि से प्रारम्भिक तीन वर्ष उपज घटती थी। अतः लोकभारती निरन्तर किसी उपयुक्त दूसरे प्रामाणिक विकल्प की तलाश में रहती जो उसे 2010 में महाराष्ट्र के कृषि ऋषि सुभाष पालेकर की विधि के रूप में प्राप्त हुआ, जिसे शून्य लागत प्राकृतिक खेती, सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती कहते थे।
शून्य लागत प्राकृतिक खेती
अब भारत सरकार एवं प्रदेश सरकारों द्वारा गौ आधारित प्राकृतिक खेती के नाम से संचालित की जा रही है। यह कृषि पद्धति भविष्य के लिए एक वरदान है। लोकभारती ने पिछले डेढ़ दशक से गौ आधारित प्राकृतिक कृषि के जनक कृषि ऋषि सुभाष पालेकर जी के आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के साथ मिलकर पूरे देश में व्यापक एवं प्रभावी कार्य किया है। लोकभारती द्वारा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, महाराष्ट्र एवं गुजरात आदि प्रदेशों में हजारों कर्मयोगी किसानों के माध्यम से गौ आधारित प्राकृतिक कृषि के मॉडल विकसित किए गए हैं, जो भारत सरकार और प्रदेश सरकारों के लिए प्रेरणा और प्रशिक्षण के सशक्त माध्यम बने हैं।
लोकभारती जिस समय जैविक कृषि के विकल्प की तलाश कर रही थी, उसी समय सितम्बर 2010 में लखनऊ में बख्शी तालाब क्षेत्र के गायत्री शक्तिपीठ पर सीडीआरआई के वैज्ञानिक नरेंद्र मेहरोत्रा द्वारा सुभाष पालेकर को आमंत्रित कर वैज्ञानिकों के लिए शून्य लागत प्राकृतिक कृषि सम्बन्धित तीन दिवसीय एक प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया, जिसमें लोकभारती के कार्यकर्ता गोपाल उपाध्याय एवं श्रीकृष्ण चौधरी ने भी भाग लिया और उसके बाद पहले से ही 16 एकड़ खेत में शून्य लागत प्राकृतिक खेती कर रहे फर्रुखाबाद निवासी हिमांशु गंगवार के साथ स्वयं सुभाष पालेकर जी लोकभारती कार्यालय पधारे। हम सबने पालेकर जी द्वारा सिद्ध की गई शून्य लागत प्राकृतिक खेती की पद्धति को विस्तार से जाना और हिमांशु गंगवार के खेत पर जाकर प्रत्यक्ष प्राकृतिक खेती की प्रभावोत्पादकता का अनुभव किया। उसके बाद इस अभियान को देशव्यापी बनाने के लिए लोकभारती संकल्पबद्ध हुई।
लोकभारती का देशव्यापी अभियान
लोकभारती ने गौ आधारित प्राकृतिक कृषि पद्धति में अनेक विशेषताओं को देखा। प्राकृतिक कृषि भूमि के सु-पोषण, पर्यावरण के अनुकूल, स्वावलंबी, बाजार के मकड़जाल से मुक्त, आरोग्यवर्धक कृशि उत्पाद, भरपूर उत्पादन, 60 प्रतिशत तक जल की बचत, स्वादिष्ट एवं पोषण से भरपूर उत्पाद, जैवविविधता संरक्षक, स्वदेशी पद्धति, स्वदेशी एवं स्थानीय बीजों का संरक्षण, गौवंश संरक्षक, आर्थिक दृष्टि से लाभकारी और आत्मनिर्भरता आदि गुणों से भरपूर है।
लोकभारती ने गौ आधारित प्राकृतिक कृषि के उपरोक्त गुणों को समझकर कृषि ऋषि श्री सुभाष पालेकर के साथ मिलकर सम्पूर्ण देश में गौ आधारित प्राकृतिक कृषि के प्रशिक्षण वर्ग आयोजित करने का संकल्प लिया।
गौ आधारित प्राकृतिक कृषि (देश भर में अनेक कार्यक्रम)
* इस क्रम में गायत्री शक्तिपीठ, आईआईएम रोड लखनऊ में 26-27 सितम्बर, 2011 को सीडीआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक नरेंद्र मेहरोत्रा द्वारा विशेषतः वैज्ञानिकों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया गया, जिसमें 40 प्रतिनिधियों की सहभागिता से साथ लोकभारती के प्रमुख कार्यकर्ता गोपाल उपाध्याय तथा श्रीकृष्ण चौधरी ने भाग लिया।
* दीनदयाल धाम, मथुरा में 11-14 मार्च, 2011 को चार दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन रूरल एनवायरमेंट ग्रुप 'रूटाग', आईआईटी नई दिल्ली के सहयोग से किया गया, जिसमें 210 प्रतिभागी उपस्थित रहे। इसमें लोकभारती की टोली के साथ रूटाग के राष्ट्रीय संयोजक प्रो राजेंद्र प्रसाद, पतंजलि हरिद्वार में प्राकृतिक कृषि की संयोजन टोली तथा मधुरा नाबार्ड के तत्कालीन डीडीएम विजय कुमार, जो वर्तमान में नाबार्ड उत्तर प्रदेश के जनरल मैनेजर हैं और जिनके नियोजन में उत्तर प्रदेश के जिलों में लोकभारती के पश्चिमी क्षेत्र के संयोजक संजय उपाध्याय के संयोजन में गौ आधारित प्राकृतिक कृषि की विशेष परियोजना प्रारम्भ होने जा रही है, जिसके माध्यम से 400 जागरूक कृषक लाभान्वित होंगे।
* कायमगंज, फर्रुखाबाद की गायत्री शक्तिपीठ में 24 से 28 जनवरी 2013 को सुरेन्द्र गुप्ता जी के संयोजन में प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया गया, जिसमें लोकभारती की टोली के साथ विशेषकर कानपुर क्षेत्र के 150 कार्यकर्ताओं की सहभागिता रही।
* भानी देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, झांसी में 27 से 31 मई, 2012 को पांच दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न प्रांतों के 217 प्रतिनिधियों के साथ लोकभारती की टोली के अतिरिक्त जैवविविधता बोर्ड उत्तर प्रदेश के प्रमुख राधे कृष्ण दूबे, गौसेवक श्याम बिहारी गुप्त (वर्तमान उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग अध्यक्ष), रूटाग के कार्यकर्ता रामगोपाल की विशेष उपस्थिति रही।
* सहभागी केन्द्र (अशोक सिंह) आईआईएम रोड लखनऊ में 17-18 अक्टूबर, 2012 को समाज सेवा संस्थान चित्रकूट के सौजन्य से प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन सम्पन्न हुआ जिसमें लोकभारती की टोली के साथ ही 80 स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी रही.
* अलीगढ़ में 20-22 अक्टूबर, 2012 को यूथ फॉर नेशन द्वारा प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया गया जिसमें 175 कार्यकर्ताओं की सहभागिता के साथ अखिल भारतीय ग्राम विकास विभाग के प्रमुख दिनेश जी तथा वैरीन्द्रम गुणाकर की विशेष उपस्थिति रही।
* गौरी बाजार, देवरिया में बजाज शुगर मिल द्वारा 12 से 18 फरवरी, 2013 को सात दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग विशेषतः बजाज शुगर मिल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आयोजित किया गया जिसमें उनके प्रतिनिधि सहभागी बने। इचौली, हमीरपुर, बुंदेलखंड में 6 से 13 मई, 2013 को प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न हुआ जिसमें बुंदेलखंड के 500 के लगभग प्रतिभागी रहे। उसमें से 30 प्रतिशत से अधिक महिला किसानों का सहभाग रहा। लोकभारती टोली के अतिरिक्त श्याम बिहारी गुप्त एवं समाज सेवा संस्थान, चित्रकूट का विशेष योगदान रहा।
* भायला, सहारनपुर में 26 सितम्बर से 3 अक्टूबर, 2013 तक 6 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न हुआ, जिसकी समस्त व्यवस्थायें एक गांव भायला द्वारा की गई। जिसके व्यवस्था सम्बन्धी प्रभारी शामली, निवासी किसान संघ के मेरठ के प्रांतीय अध्यक्ष ठाकुर धर्मपाल सिंह एवं सहयोगी लोकभारती के वरिष्ठ कार्यकर्ता राजकुमार त्यागी रहे। इस वर्ग में विशेषतः मेरठ प्रांत के 250 से अधिक प्रतिभागी रहे।
* गांधी भवन, शाहजहांपुर में 10 से 14 सितम्बर, 2014 को पांच दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न हुआ जिसमें बृज एवं अवध प्रांत के 500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिए। इस वर्ग की व्यवस्था में रामराज फार्म के मुखिया सरदार निर्मल सिंह के सहभागी होने के कारण बड़ी संख्या में सिख बंधुओं की भागीदारी सुनिश्चित हुई।
* प्रेम नगर आश्रम हरिद्वार, उत्तराखंड में 24-28 अक्टूबर, 2016 को प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न हुआ जिसमें 300 प्रतिभागी रहे। इस वर्ग में नर्मदा के भगीरथ अनिल माधव दवे, इंदौर से मारुति माने, भाजपा के संगठन मंत्री राम प्यारे पांडे, गंगा समग्र के संगठन प्रमुख मिथिलेश नारायण, उत्तरांचल उत्थान परिषद के प्रेम बड़ाकोटी तथा उत्तराखंड के प्रांत प्रचारक उदयवीर सिंह भी गौ आधारित प्राकृतिक कृषि विधा को जानने-समझने वर्ग में पधारे। इसके अतिरिक्त पंजाब से गौ आधारित प्राकृतिक कृषि पिंगलवाड़ा से सरदार रंजीत सिंह, राजस्थान के तीन सौ बीघा के प्राकृतिक किशन जाकड़ पूरे समय सहभागी रहे।
* इंदौर, मध्यप्रदेश में 2 से 6 मार्च 2016 को अनिल माधव दवे (जो बाद में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री बने) के संयोजन में प्रशिक्षण वर्ग सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ इसमें देश के विभिन्न प्रांतों के जागरूक कृषकों, कृषि वैज्ञानिकों के साथ मध्यप्रदेश के लगभग 2000 प्रतिभागियों ने भाग लिया जो मध्यप्रदेश में गौ आधारित प्राकृतिक कृषि का सशक्त आधार बना।
* खाटू श्याम सीकर, राजस्थान में 13 से 17अक्टूबर, 2016 को पांच दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न हुआ, जिसमें 400 से अधिक प्रतिभागी रहे।
* पैराडाइज मेडिकल कॉलेज झांसी में 21 से 26 सितम्बर, 2018 को प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न हुआ जिसका संयोजन बुंदेलखंड समृद्धि ट्रस्ट द्वारा आचार्य अविनाश जी के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। 600 से अधिक किसानों की उपस्थिति वाले इस वर्ग में पर्यावरण को ध्यान में रख कर सभी प्रतिभागियों को थैला, थाली, गिलास एवं चम्मच पंजीकरण के साथ दे कर पत्ता दोना एवं यूज एंड थ्रो से मुक्त किया गया।
* डॉ. आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ में 20 से 25 दिसम्बर, 2016 को 2000 प्रतिभागियों का वृहद प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न हुआ जिसका उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही जी, निदेशक कृषि सहित अनेक मंत्रीगण समय-समय पर उपस्थित रहे। इस वर्ग में उत्तर प्रदेश के 800 विकास खंडों में से 600 का प्रतिनिधित्व रहा। इस वर्ग में नेपाल, बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों सहित अनेक प्रांतों का प्रतिनिधित्व होना भी महत्वपूर्ण रहा। वर्ग के संयोजक वर्तमान में विधान परिषद सदस्य एवं लोकभारती पदाधिकारी पवन सिंह चौहान, समन्वय का दायित्व महीप मिश्र ने पूरे तीन महीने का पूर्णकालिक समय देकर निर्वहन किया।
* बस्ती, उत्तर प्रदेश में 21 से 25 अप्रैल, 2014 को पांच दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न हुआ जिसका संयोजन लोकभारती के राष्ट्रीय संपर्क प्रमुख श्रीकृष्ण चौधरी द्वारा किया गया, जिसमें गोरखपुर क्षेत्र के 300 प्रतिनिधियों की सहभागिता रही।
* उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में वहां के प्रशासन एवं कृषि विभाग के अधिकारियों, पंत नगर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों, सामाजिक संस्थाओं एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ 22 जून 2016 को एक दिवसीय गौ आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें लोकभारती टोली सहित उत्तराखंड के 100 प्रमुख प्रतिनिधि सहभागी हुए। इस अवसर पर प्रदेश की तत्कालीन राज्यपाल बेबीरानी मौर्या से भी गौ आधारित प्राकृतिक खेती के संबंध में विस्तृत वार्ता हुई।
* भरतपुर, राजस्थान में 24 से 26 दिसंबर, 2016 को 6 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन ल्यूपिन संस्था के माध्यम से 500 प्रतिनिधियों के साथ सम्पन्न हुआ, जिसमें राजस्थान, गुजरात एवं उत्तर प्रदेश का भी महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व रहा। शाहजहांपुर जिले के कृषि विभाग द्वारा 50 जागरूक कृषकों को संजय उपाध्याय के नेतृत्व में भेजा गया।
* गुरुकुल कुरुक्षेत्र, हरियाणा में आचार्य देवव्रत (वर्तमान राज्यपाल गुजरात तथा भारत सरकार के गौ आधारित प्राकृतिक कृषि के ब्रांड एम्बेसडर) के संयोजन में सम्पन्न हुआ जिसमें हरियाणा प्रदेश के 300 कृषकों एवं कृषि वैज्ञानिकों की भागीदारी सम्पन्न हुई। यह वर्ग गौ आधारित प्राकृतिक कृषि के विस्तार के लिए वरदान सिद्ध हुआ। इस वर्ग में लोकभारती के सह संगठन मंत्री गोपाल उपाध्याय एवं वर्तमान उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
* लोकभारती द्वारा गौ आधारित प्राकृतिक कृषि के विकास के लिए संकल्प से सिद्धि तक प्रशिक्षण, स्थापना, माडल विकास एवं कर्मयोगी प्रशिक्षक तैयार करने से लेकर इसे शासन-प्रशासन की योजना का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने के लिये विभिन्न स्तरों पर विविध प्रकार के प्रयत्न किए गए हैं।
* आईआईटी, दिल्ली के सहयोग से भारत स्वाभिमान का कार्य भारत सरकार के साथ पूरे देश में प्रारम्भ हुआ जिसमें तात्कालिक केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। लोकभारती की भी इस राष्ट्रीय अभियान में सक्रिय सहभागिता रही। इसके माध्यम से सम्पूर्ण देश में गौ आधारित प्राकृतिक कृषि को किसानों के खेत से प्रशिक्षित करने हेतु पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से एक सौ केन्द्र दो वर्ष तक संचालित किए गए जिनके माध्यम से 500 अधिक प्रशिक्षण वर्ग आयोजित हुए जिनके माध्यम से 25000 कृषक प्राकृतिक कृशि विधि से परिचित हुए।
गौ आधारित प्राकृतिक कृषि की प्रभावी स्थापना हेतु इससे जुड़े शासन-प्रशासन के बंधुओं, कृषि वैज्ञानिकों, कर्मयोगी कृषकों, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं लोकभारती को आगामी तीन वर्ष तक विविध ढंग से सतत साधना करनी होगी।
लेखक लोकभारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री हैं